an xn + an-1 xn-1 + an-3 xn-3 + an-4 xn-4 …… ax + aके रूप में रहने वाले व्यंजक को बहुपद कहते है।  

यदि किसी व्यंजक के सभी पदों का घात एक धनात्मक पूर्णाक हो, तो वह बहुपद कहलाता है।

एकपदी बहुपद: एक पद वाले बहुपद को एकपदी बहुपद कहते है।
जैसे: 3, x, x2 आदि.

द्विपदी बहुपद: दो पदों वाले बहुपद को द्विपदी बहुपद कहते है।
जैसे:- x + 2, x – 5, x2 + 2, x3 – 2 आदि.

त्रिपदी बहुपद: तिन पदों वाले बहुपद को त्रिपदी बहुपद कहते है।
जैसे: x2 + 2x + 5, x3 + x2 – 5x आदि।