संवरक नियम |
दो परिमेय संख्याओ का योग या गुणाफल भी परिमेय होता है |
क्रमविनिमय नियम |
यदि a और b दो परिमेय संख्याएँ हो, तो |
1. योग का क्रमविनिमय नियम |
a + b = b + a |
2. गुणात्मक क्रमविनिमय नियम |
a × b = b × a |
साहचर्य नियम |
यदि a ,b और c तीन परिमेय संख्याएँ हो, तो |
1. योगात्मक साहचर्य नियम |
( a +b ) + c = a + ( b + c ) |
2. गुणात्मक साहचर्य नियम |
( a× b ) × c = a × ( b × c ) |
तत्समक अवयव का अस्तित्व |
दो परिमेय संख्याएँ 0 तथा 1 इस प्रकार है कि |
1. a + 0 = 0 + a = a |
यहाँ 0 को योग का तत्समक अवयव कहा जाता है |
2. a × 1 = 1 × a = a |
यहाँ 1 को गुणा का तत्समक अवयव कहा जाता है |
प्रतिलोम अवयव का अस्तित्व |
यदि a एक परिमेय संख्या है, तो |
1. a + (-a) = (-a) + a = 0 |
यहाँ a का योज्य प्रतिलोम -a है |
2. a ×1/a = 1/a × a = 1 |
यहाँ a का गुणात्मक प्रतिलोम 1/a होता है |
वितरण नियम |
यदि a ,b और c तीन परिमेय संख्याएँ हो, तो |
1. योगात्मक वितरण नियम |
a( b + c ) = a b + a c |
2. गुणात्मक वितरण नियम |
(a +b ) c = a c + b c |