1. वह बिन्दु जहाँ पर किसी निकाय या पिण्ड का सम्पूर्ण द्रव्यमान केन्द्रित माना जा सकता है, कहलाता है। ज्यामितीय केन्द्र मध्य बिन्दु द्रव्यमान केन्द्र गुरुत्व केन्द्र None 2. यदि एक वस्तु के कोणीय संवेग में 50% की कमी हो जाए तो उसकी घूर्णन गतिज ऊर्जा में परिवर्तन होगा- 125% की वृद्धि 100% की कमी 75% की वृद्धि 75% की कमी None 3. किसी अक्ष के परितः कोणीय वेग से घूमते किसी पिण्ड के जड़त्व आघूर्ण कोणीय त्वरण तथा बल आघूर्ण क्रमशःI, α तथा τ हैं, तब- τ = Iα τ = Iω I = τω α = τ None 4. किसी पिण्ड के जड़त्व आघूर्ण तथा कोणीय त्वरण के गुणनफल को कहते हैं। कोणीय संवेग बल-आघूर्ण बल कार्य None 5. निम्नलिखित में से किस पिंड का द्रव्यमान केंद्र उसके बाहर स्थित होता है। पेंसिल शाॅटपुट (गोला) पासा चूड़ी None 6. त्रिज्या 10m के एक वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल = 10ms से गतिशील मोटरगाड़ी की छत से एक सरल लोलक निलंबित है। लोलक के धागे का ऊर्ध्वाधर से झुकाव होगा π/6 π / 4 π /3 शून्य None 7. एक कण R त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूमता है। परिक्रमण के आधे आवर्तकाल में कण का विस्थापन होगा π R 2R 2 π R πR2 None 8. 12 cm त्रिज्या वाले वृत्ताकार खांचे में फँसा हुआ कीड़ा खांचे के अनुदिश समरूप गति करता है तथा 100 सेकण्ड में 7 चक्कर पूरे करता है। गति की रैखिक चाल कितनी है :- 2.3 cm/s 0.44cm / s 5.3 cm/s कोई नहीं None 9. यदि एक कण वृत्तीय पथ पर गति करते हुये समान समय में समान कोण अन्तरित करता है, तो वेग सदिश अचर रहता है परिमाण में बदलता है। दिशा में बदलता है परिमाण तथा दिशा दोनों में बदलता है None 10. वृत्ताकार मार्ग पर प्रति मिनट 100 बार घूमने वाले कण का कोणीय वेग है :- 1.66 rad / s 10.47 rad/s 60 degree/s 10.47 degree/s None 11. ‘M’ व ‘m’ द्रव्यमान के पिण्ड क्रमश: R वr त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर गति कर रहे है। यदि इनका आवर्तकाल समान हो तो इनके कोणीय वेगों का अनुपात होगा :- r/R R/r 1 √R/r None 12. घड़ी की मिनिट की सुई का कोणीय वेग है : π/30 rad/s 8π rad/s 2π /1800 rad/s π/1800 rad/s None 13. यदि कोई कण क्षैतिज वृत्त में एकसमान रूप से घूम रहा है, तो कण पर कोई बल कार्यरत नहीं है कण का वेग नियत है कण का कोई त्वरण नहीं है कोई कार्य नहीं किया गया है None 14. वृत्ताकार पथ पर एक समान चाल से गतिशील कण का कोणीय त्वरण होगा :- एक समान लेकिन अशून्य शून्य परिवर्ती दी गयी सूचनाओं से ज्ञात नहीं किया जा सकता है। None 15. वृत्ताकार गति करती हुई वस्तु की चाल तथा पथ की त्रिज्या दोनों को तिगुनी कर देने पर नया अभिकेन्द्रीय बल होगा :- पहले से दुगुना पहले के बराबर पहले से तिगुना पहले से एक तिहाई None 16. एक पेण्डुलम कार की छत से लटका हुआ है। जब कार वृत्तीय पथ पर चलती है, तो पेण्डुलम का झुकाव होगा : आगे की ओर पथ के केन्द्र की ओर पीछे की ओर पथ के केन्द्र से दूर None 17. 0.5 kg की गेंद 4 m/s की चाल से 0.4m त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर गतिशील हैं। गेंद पर अभिकेन्द्रीय बल होगा :- 10N 20N 40N 80N None 18. एकसमान वृत्तीय गति में, वेग सदिश तथा त्वरण सदिश होते है एक दूसरे के लम्बवत् एक ही दिशा में है विपरीत दिशा में एक-दूसरे से सम्बन्धित नहीं होते None 19. एक डोरी में यदि तनाव 10 न्यूटन से अधिक हो जाए तो यह डोरी टूट जाती है। 250 ग्राम द्रव्यमान का एक पत्थर 10 cm लम्बी इस डोरी से बाँधकर क्षैतिज वृत्ताकार पथ में घुमाया जाता है। घूर्णन का अधिकतम कोणीय वेग हो सकता है- 20 rad / s 40 rad/s 100 rad/s 200 rad/s None 20. जब दूध को मया (churned) जाता है, तो मक्खन इससे अलग होता है जिसका कारण है गुरुत्वीय बल घर्षण बल अभिकेंद्र बल संसंजक बल None 1 out of 2 Time's up