परमाणु के केंद्र में स्थित एक छोटा, घना भाग होता है जिसे नाभिक कहते हैं। इसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, जिन्हें सम्मिलित रूप से न्यूक्लियॉन कहते हैं।
नाभिक का आकार अत्यंत छोटा होता है, लेकिन इसमें पूरे परमाणु के अधिकांश द्रव्यमान का समावेश होता है।
नाभिक का आकार और द्रव्यमान (Size and Mass of Nucleus)
नाभिक का आयतन (Volume of Nucleus):
नाभिक का आकार लगभग 1 फर्मी (10⁻¹⁵ मीटर) के पैमाने पर होता है।
नाभिकीय त्रिज्या का समीकरण:
R = R₀A⅓
जहाँ R नाभिकीय त्रिज्या, R₀ एक स्थिरांक (1.2 × 10⁻¹⁵ मीटर), और A द्रव्यमान संख्या है।
नाभिक का द्रव्यमान (Mass of Nucleus):
नाभिक का द्रव्यमान प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों के द्रव्यमान के योग के बराबर होता है।
द्रव्यमान दोष (Mass Defect):
नाभिकीय द्रव्यमान प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों के कुल द्रव्यमान से थोड़ा कम होता है, इसे द्रव्यमान दोष कहते हैं।
द्रव्यमान दोष का समीकरण:
बन्धन ऊर्जा (Binding Energy):
यह वह ऊर्जा है जो न्यूक्लियॉनों को नाभिक में बांधे रखती है।
बन्धन ऊर्जा का समीकरण:
EB = Δmc²
जहाँ EB बन्धन ऊर्जा, Δm द्रव्यमान दोष, और c प्रकाश की गति है।
नाभिकीय बल (Nuclear Force)
नाभिकीय बल की विशेषताएँ (Characteristics of Nuclear Force):
यह बल न्यूक्लियॉनों के बीच बहुत मजबूत होता है और यह केवल नाभिकीय आयामों पर कार्य करता है।
यह बल प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों दोनों पर समान रूप से कार्य करता है।
नाभिकीय बल आकर्षणकारी होता है, जो नाभिक को एक साथ बांधे रखता है, जबकि इलेक्ट्रोस्टैटिक बल प्रोटॉनों के बीच विकर्षणकारी होता है।
गुणधर्म (Properties):
यह अल्प-दूरी (short-range) बल होता है।
यह स्पिन निर्भर होता है और चार्ज़ स्वतंत्र होता है।
नाभिकीय बल का मात्रात्मक अध्ययन कठिन होता है, लेकिन यह माना जाता है कि यह बल न्युक्लियॉनों के बीच सामूहिक रूप से कार्य करता है।
रेडियोधर्मिता (Radioactivity)
रेडियोधर्मिता की खोज (Discovery of Radioactivity):
हेनरी बेक्क्रल ने 1896 में रेडियोधर्मिता की खोज की। मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी ने भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रेडियोधर्मिता की परिभाषा (Definition of Radioactivity):
यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें अस्थिर नाभिक अपने आप विकिरण उत्सर्जित करता है और स्थिर नाभिक में परिवर्तित हो जाता है।
रेडियोधर्मी विखंडन के प्रकार (Types of Radioactive Decay):
अल्फा विखंडन (Alpha Decay):
बीटा विखंडन (Beta Decay):
गामा विकिरण (Gamma Radiation):
गामा विकिरण नाभिक से उच्च ऊर्जा वाले फोटॉनों के रूप में उत्सर्जित होता है। इसमें नाभिकीय द्रव्यमान संख्या और परमाणु संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता।
अर्ध-आयु (Half-life):
5. नाभिकीय विखंडन और संलयन (Nuclear Fission and Fusion)
नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission):
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भारी नाभिक छोटे नाभिकों में विभाजित होता है और ऊर्जा उत्सर्जित करता है।
उदाहरण: यूरेनियम-235 का विखंडन, जिसमें यह बारीक नाभिकीय और त्वरित न्यूट्रॉन में टूटता है।
विखंडन समीकरण:
नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion):
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो हल्के नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं और भारी मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है।
उदाहरण: सूर्य में हाइड्रोजन के नाभिकों का संलयन, जिससे हीलियम बनता है।
समीकरण:
नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy)
नाभिकीय ऊर्जा का महत्व (Importance of Nuclear Energy):
नाभिकीय ऊर्जा का प्रयोग विद्युत उत्पादन, चिकित्सा, उद्योग, और अनुसंधान में किया जाता है।
नाभिकीय रिएक्टर (Nuclear Reactor):
नाभिकीय रिएक्टर वह यंत्र है जिसमें नाभिकीय विखंडन नियंत्रित तरीके से किया जाता है, जिससे निरंतर रूप से ऊर्जा उत्पन्न होती है।
नाभिकीय बम (Nuclear Bomb):
नाभिकीय बम में नाभिकीय विखंडन या संलयन की अनियंत्रित प्रक्रिया होती है, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है।