अध्याय 14: पारितंत्र

परिचय पारितंत्र (Ecosystem): जीवित (जैविक) और निर्जीव (अजैविक) घटकों का एक एकीकृत प्रणाली जिसमें ये घटक एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और आपस में ऊर्जा और पदार्थों का आदान-प्रदान करते हैं। उद्देश्य: पारितंत्र की संरचना, कार्यप्रणाली, और इसके विभिन्न घटकों का अध्ययन। 1. पारितंत्र की संरचना (Structure of Ecosystem) जैविक घटक (Biotic Components): उत्पादक […]

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अध्याय 2: पुष्पी पादपों में लैंगिक जनन

परिचय लैंगिक जनन (Sexual Reproduction): दो माता-पिता (नर और मादा) के युग्मकों के संलयन से नई संतानों का निर्माण। पुष्पी पादप (Angiosperms): फूल वाले पौधे, जिनमें लैंगिक जनन की क्रियाएँ होती हैं। फूल की संरचना फूल पौधे का लैंगिक जनन अंग है और इसके चार मुख्य भाग होते हैं: पुष्पपात्र (Thalamus): फूल का आधार। पुष्पदल

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अध्याय 15: जीव विविधता एवं संरक्षण

परिचय जीव विविधता (B Biodiversity): पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवन रूपों की विविधता, जिसमें प्रजातियाँ, जातियाँ, और पारिस्थितिक तंत्र शामिल हैं। संरक्षण (Conservation): जीवों और उनके आवासों की रक्षा और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया। 1. जीव विविधता की परिभाषा और प्रकार (Definition and Types of Biodiversity) जीव विविधता (Biodiversity): परिभाषा (Definition): पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार

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अध्याय 1: जीवों में जनन

परिचय जनन (Reproduction): जीवों की वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से वे अपनी संतान उत्पन्न करते हैं। यह प्रक्रिया जीवों की निरंतरता और वृद्धि को सुनिश्चित करती है। जनन दो प्रकार का होता है: अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) एक ही माता-पिता से नई संतानों का उत्पादन, बिना

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अध्याय 13: जीव और समष्टियाँ

परिचय जीव और समष्टियाँ (Organisms and Populations): जीवों की विविधता और उनके वातावरण में उनके अंतर्संबंधों का अध्ययन। अध्याय का उद्देश्य: जैव विविधता, पारिस्थितिक तंत्र, और विभिन्न प्रकार की समष्टियों का विश्लेषण। 1. पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता (Ecosystem and Biodiversity) पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem): परिभाषा (Definition): जीवित और निर्जीव घटकों का एक एकीकृत प्रणाली जो

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अध्याय 12: जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके उपयोग

परिचय जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology): जीवित जीवों और उनके घटकों का उपयोग करके औद्योगिक, कृषि, और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए तकनीकों का विकास। उद्देश्य: जैविक प्रक्रियाओं का उपयोग करके मानव कल्याण और पर्यावरण संरक्षण में सुधार करना। जैव प्रौद्योगिकी के मुख्य क्षेत्र (Key Areas of Biotechnology) जीन प्रौद्योगिकी (Gene Technology): जीन क्लोनिंग (Gene Cloning): विशिष्ट जीन

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अध्याय 11: जैव प्रौद्योगिकी – सिद्धांत व प्रक्रम

परिचय जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology): जीवित जीवों या उनके भागों का उपयोग करके औद्योगिक, कृषि, और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए तकनीकों का विकास। उद्देश्य: जैविक प्रक्रियाओं को समझना और उनका उपयोग करके समस्याओं का समाधान करना। जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत (Principles of Biotechnology) डीएनए की संरचना और कार्य (Structure and Function of DNA): डीएनए (DNA): जीनसूत्रों

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अध्याय 10: मानव कल्याण में सूक्ष्म जीव

परिचय सूक्ष्म जीव (Microbes): बैक्टीरिया, फंगी, वायरस, और प्रोटोजोआ जैसे सूक्ष्म जीव जो मानव जीवन और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मानव कल्याण (Human Welfare): सूक्ष्म जीवों के द्वारा स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, और पर्यावरण में योगदान। सूक्ष्म जीवों का मानव कल्याण में योगदान (Role of Microbes in Human Welfare) स्वास्थ्य में योगदान (Role in

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अध्याय 9: खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

परिचय खाद्य उत्पादन की आवश्यकता: बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधनों के कारण खाद्य उत्पादन में वृद्धि की आवश्यकता। खाद्य उत्पादन की कार्यनीति: उन्नत कृषि तकनीकों, पशुपालन, और मत्स्य पालन के माध्यम से खाद्य उत्पादन में वृद्धि। खाद्य उत्पादन की कार्यनीतियाँ (Strategies for Enhancement in Food Production) कृषि उत्पादन में वृद्धि (Enhancement in Crop Production): उन्नत

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अध्याय 8: मानव स्वास्थ्य तथा रोग

परिचय मानव स्वास्थ्य (Human Health): शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक भलाई की स्थिति जिसमें व्यक्ति के सभी शारीरिक और मानसिक कार्य सामान्य रूप से होते हैं। रोग (Disease): शरीर की सामान्य स्थिति में असामान्यता या विघटन जो शरीर के कार्यों को प्रभावित करता है। मानव स्वास्थ्य के प्रमुख घटक (Components of Human Health) शारीरिक स्वास्थ्य (Physical

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