प्रकाश (Light) एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमें देखने में सक्षम बनाती है। यह सीधी रेखाओं में गमन करती है और इसके गमन के दौरान परावर्तन (Reflection) तथा अपवर्तन (Refraction) जैसी घटनाएँ घटित होती हैं।
1. प्रकाश का परावर्तन (Reflection of Light)
परावर्तन वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश की किरणें एक सतह से टकराकर वापस लौटती हैं।
- परावर्तन के नियम (Laws of Reflection):
- आपतन कोण (Angle of Incidence, ) आपतन किरण (Incident Ray) और अभिलम्ब (Normal) के बीच का कोण होता है।
- परावर्तन कोण (Angle of Reflection, ) परावर्तित किरण (Reflected Ray) और अभिलम्ब के बीच का कोण होता है।
- परावर्तन का पहला नियम: आपतन कोण () = परावर्तन कोण ()।
- परावर्तन का दूसरा नियम: आपतन किरण, परावर्तित किरण और अभिलम्ब सभी एक ही तल में होते हैं।
- समतल दर्पण (Plane Mirror):
- समतल दर्पण में प्रतिबिंब वस्तु के समान आकार का और समान दूरी पर होता है।
- प्रतिबिंब आभासी (Virtual) और सीधा (Erect) होता है।
- गोल दर्पण (Spherical Mirrors):
- अवतल दर्पण (Concave Mirror):
- यह भीतर की ओर वक्र होता है।
- प्रतिबिंब वास्तविक (Real) या आभासी (Virtual) हो सकता है।
- उत्तल दर्पण (Convex Mirror):
- यह बाहर की ओर वक्र होता है।
- प्रतिबिंब हमेशा आभासी और सीधा होता है।
- अवतल दर्पण (Concave Mirror):
- गोल दर्पण के मुख्य पद (Key Terms of Spherical Mirrors):
- केंद्रीय अक्ष (Principal Axis): दर्पण के केंद्र से गुजरने वाली रेखा।
- केंद्र (Centre of Curvature, ): गोल दर्पण के गोलार्द्ध का केंद्र।
- ध्रुव (Pole, ): दर्पण का मध्य बिंदु।
- प्रावर्धिक फोकस (Principal Focus, ): वह बिंदु जहाँ समानांतर किरणें परावर्तन के बाद मिलती हैं।
- फोकस दूरी (Focal Length, ): ध्रुव और फोकस के बीच की दूरी।
- गोल दर्पण सूत्र (Mirror Formula): 1f=1/v+1/u
- : वस्तु दूरी (Object Distance)
- : प्रतिबिंब दूरी (Image Distance)
- : फोकस दूरी (Focal Length)
2. प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light)
अपवर्तन वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश की किरणें एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करने पर दिशा बदलती हैं।
- अपवर्तन के नियम (Laws of Refraction):
- पहला नियम: आपतन किरण, अपवर्तित किरण और अभिलम्ब सभी एक ही तल में होते हैं।
- दूसरा नियम: sini/sinr=स्थिरांक, इसे स्नेल का नियम (Snell’s Law) कहते हैं।
- अपवर्तन सूचकांक (Refractive Index):
- किसी माध्यम के अपवर्तन का माप होता है।
- यदि μ अपवर्तन सूचकांक है, तो:
μ=Vvacuum/Vmedium - : निर्वात में प्रकाश की चाल
- : माध्यम में प्रकाश की चाल
- वक्र लेंस (Spherical Lenses):
- अवतल लेंस (Concave Lens):
- यह बीच में पतला और किनारों पर मोटा होता है।
- यह अपसारी लेंस (Diverging Lens) होता है।
- उत्तल लेंस (Convex Lens):
- यह बीच में मोटा और किनारों पर पतला होता है।
- यह अभिसारी लेंस (Converging Lens) होता है।
- अवतल लेंस (Concave Lens):
- लेंस के मुख्य पद (Key Terms of Lenses):
- केंद्र (Optical Centre, ): लेंस का मध्य बिंदु।
- प्रावर्धिक फोकस (Principal Focus, ): वह बिंदु जहाँ समानांतर किरणें अपवर्तन के बाद मिलती हैं।
- फोकस दूरी (Focal Length, ): केंद्र और फोकस के बीच की दूरी।
- लेंस सूत्र (Lens Formula): 1f=1/v−1/u
- : वस्तु दूरी (Object Distance)
- : प्रतिबिंब दूरी (Image Distance)
- : फोकस दूरी (Focal Length)
3. ज्यामितीय प्रकाशिकी में उपकरण (Optical Instruments in Geometric Optics)
- दृष्टिदोष (Defects of Vision):
- मायोपिया (Myopia): निकट दृष्टि दोष, दूर की वस्तुएँ स्पष्ट नहीं दिखतीं।
- हायपरमेट्रोपिया (Hypermetropia): दूर दृष्टि दोष, निकट की वस्तुएँ स्पष्ट नहीं दिखतीं।
- ऐस्टिग्मैटिज्म (Astigmatism): अनियमित वक्रता के कारण।
- दृष्टिदोष का सुधार (Correction of Vision Defects):
- मायोपिया: अवतल लेंस से।
- हायपरमेट्रोपिया: उत्तल लेंस से।
- ऐस्टिग्मैटिज्म: सिलिंडर लेंस से।
4. प्रिज्म और इंद्रधनुष (Prism and Rainbow)
- प्रिज्म द्वारा प्रकाश का विवर्तन (Dispersion of Light by Prism):
- प्रिज्म एक पारदर्शी पदार्थ का त्रिकोणीय खंड होता है।
- जब श्वेत प्रकाश प्रिज्म से गुजरता है, तो यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है।
- इसे विवर्तन (Dispersion) कहते हैं और उत्पन्न रंगों को वर्णक्रम (Spectrum) कहते हैं।
- यह प्रक्रिया न्यूटन द्वारा प्रदर्शित की गई थी।
- वर्णक्रम के सात रंग (Seven Colors of Spectrum):
- लाल (Red)
- नारंगी (Orange)
- पीला (Yellow)
- हरा (Green)
- नीला (Blue)
- जामुनी (Indigo)
- बैंगनी (Violet)
- इंद्रधनुष (Rainbow):
- इंद्रधनुष का निर्माण सूर्य के प्रकाश के वर्षा की बूंदों के माध्यम से अपवर्तन, परावर्तन और विवर्तन के कारण होता है।
- जब सूर्य का प्रकाश वर्षा की बूंदों में प्रवेश करता है, तो यह अपवर्तित होता है और बूंदों के अंदर परावर्तित होकर बाहर निकलता है, जिससे विभिन्न रंगों का बैंड बनता है।
5. प्रकाश के व्यवहार के अन्य पहलू (Other Aspects of Light Behavior)
- पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection):
- जब प्रकाश की किरण एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है और आपतन कोण अपवर्तन कोण से अधिक होता है, तो पूरी किरण वापस सघन माध्यम में परावर्तित हो जाती है।
- इसे पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।
- यह घटना ऑप्टिकल फाइबर और डायमंड में देखी जाती है।
- द्वि-विवर्तन (Double Refraction):
- कुछ क्रिस्टल जैसे कैल्साइट में प्रकाश दो परस्पर लम्बवत किरणों में विभाजित हो जाता है।
- इसे द्वि-विवर्तन कहते हैं।
6. प्रकाशिकी के उपकरण (Optical Instruments)
- सूक्ष्मदर्शी (Microscope):
- सूक्ष्मदर्शी का उपयोग छोटे वस्त्रों को बड़ा करके देखने के लिए किया जाता है।
- इसमें उत्तल लेंसों का उपयोग होता है।
- दूरदर्शी (Telescope):
- दूरदर्शी का उपयोग दूर की वस्त्रों को बड़ा करके देखने के लिए किया जाता है।
- इसमें भी उत्तल लेंसों का उपयोग होता है।
- कैमरा (Camera):
- कैमरा एक प्रकाशीय उपकरण है जिसका उपयोग स्थिर चित्र लेने के लिए किया जाता है।
- इसमें लेंस का उपयोग प्रकाश को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है।