परिचय

  • लैंगिक जनन (Sexual Reproduction): दो माता-पिता (नर और मादा) के युग्मकों के संलयन से नई संतानों का निर्माण।
  • पुष्पी पादप (Angiosperms): फूल वाले पौधे, जिनमें लैंगिक जनन की क्रियाएँ होती हैं।

फूल की संरचना

  • फूल पौधे का लैंगिक जनन अंग है और इसके चार मुख्य भाग होते हैं:
    1. पुष्पपात्र (Thalamus): फूल का आधार।
    2. पुष्पदल (Sepals): बाहरी हरे भाग, जो कली को सुरक्षित रखते हैं।
    3. पुष्पदल (Petals): रंगीन भाग, जो परागणकों को आकर्षित करते हैं।
    4. पुंकेसर (Stamen): नर जनन अंग।
      • परागकोष (Anther): परागकण उत्पन्न करता है।
      • परागमंडल (Filament): परागकोष को सहारा देता है।
    5. अंडप (Carpel/Pistil): मादा जनन अंग।
      • अंडाशय (Ovary): अंडाणु धारण करता है।
      • वर्तिका (Style): अंडाशय से वर्तिकाग्र (Stigma) तक का मार्ग।
      • वर्तिकाग्र (Stigma): परागकण यहाँ चिपकते हैं।

युग्मकोजनन (Gametogenesis)

  • नर युग्मक (Male Gamete): परागकण (Pollen Grain)
    • परागकोष में माईओसिस द्वारा परागकण बनते हैं।
    • परागकण दो प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है: एक जनन कोशिका और एक नली कोशिका।
  • मादा युग्मक (Female Gamete): अंडाणु (Egg Cell)
    • अंडाशय में अंडाणु विकसित होता है।
    • अंडाशय में स्थित भ्रूणकोष में अंडाणु और अन्य सहायक कोशिकाएँ होती हैं।

परागण (Pollination)

  • परागकण का वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण
  • परागण के प्रकार:
    1. स्वपरागण (Self-pollination):
      • एक ही फूल या एक ही पौधे के फूलों के बीच परागकण का स्थानांतरण।
    2. पर-परागण (Cross-pollination):
      • अलग-अलग पौधों के फूलों के बीच परागकण का स्थानांतरण।
    • पर-परागण के कारक: वायु, जल, कीट, पक्षी, आदि।

निषेचन (Fertilization)

  • पराग नलिका (Pollen Tube) का निर्माण:
    • वर्तिकाग्र पर परागकण अंकुरित होता है और एक नलिका बनाता है जो वर्तिका और अंडाशय के माध्यम से भ्रूणकोष तक पहुँचती है।
  • द्विनिषेचन (Double Fertilization):
    • पुष्पी पादपों में विशिष्ट प्रक्रिया।
    • एक नर युग्मक अंडाणु के साथ मिलकर जीगोट (Zygote) बनाता है।
    • दूसरा नर युग्मक ध्रुवीय नाभिक के साथ मिलकर प्राथमिक एण्डोस्पर्म नाभिक (Primary Endosperm Nucleus) बनाता है।

भ्रूणविकास (Embryogenesis)

  • जीगोट का विभाजन और भ्रूण का विकास।
  • भ्रूण में प्रमुख अंगों का निर्माण:
    • पर्णपुंज (Cotyledons)
    • प्ररोह (Shoot)
    • मूल (Root)

बीज निर्माण और अंकुरण (Seed Formation and Germination)

  • बीज निर्माण:
    • निषेचन के बाद अंडाशय बीज में बदल जाता है।
    • बीज के प्रमुख भाग: बीजावरण (Seed Coat), भ्रूण (Embryo), एण्डोस्पर्म (Endosperm)।
  • अंकुरण:
    • बीज का अनुकूल परिस्थितियों में नया पौधा बनना।
    • अंकुरण के प्रकार: बाह्यांकर (Epigeal) और अंतःआंकर (Hypogeal)।

फल निर्माण (Fruit Formation)

  • निषेचन के बाद अंडाशय फल में बदल जाता है।
  • फल के प्रकार:
    • साधारण फल (Simple Fruit)
    • संयुक्त फल (Aggregate Fruit)
    • बहुगुच्छ फल (Multiple Fruit)

जनन और विकास के हार्मोन

  • ऑक्सिन (Auxin): कोशिका विस्तार और विभाजन को प्रेरित करता है।
  • जिबरेलिन (Gibberellin): अंकुरण और वृद्धि को प्रेरित करता है।
  • साइटोकाइनिन (Cytokinin): कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है।
  • एथिलीन (Ethylene): फल पकने और पत्तियों के गिरने में सहायक।
  • एब्सिसिक एसिड (Abscisic Acid): बीज आराम और पत्तियों के गिरने में सहायक।