परिचय

  • वंशागति का आणविक आधार: जीन और डीएनए की संरचना और कार्यप्रणाली के आधार पर वंशागति की प्रक्रिया को समझना।
  • डीएनए (DNA) और आरएनए (RNA): वंशागति की जानकारी को संचित और प्रेषित करने वाले आणविक कारक।

डीएनए की संरचना (Structure of DNA)

  1. डीएनए का खोज (Discovery of DNA):
    • फ्रेडरिक मेश्चर (Friedrich Miescher): डीएनए की खोज।
    • वॉटसन और क्रिक (Watson and Crick): डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना की पहचान।
  2. डबल हेलिक्स मॉडल:
    • संरचना:
      • दो स्ट्रैंड्स (अथवा धागे) जो एक हेलिक्स के रूप में उलझे होते हैं।
      • न्यूक्लियोटाइड्स (Nucleotides): डीएनए की संरचना की बुनियादी इकाई।
        • फास्फेट (Phosphate): न्यूक्लियोटाइड की बाहरी संरचना।
        • शुगार (Sugar): डिऑक्सीराइबोज (Deoxyribose)।
        • नाइट्रोजनयुक्त बेस (Nitrogenous Bases): एडेनाइन (A), थाइमाइन (T), सिटोसिन (C), ग्वानिन (G)।
      • बेस पेयरिंग: एडेनाइन-थाइमाइन (A-T) और ग्वानिन-सिटोसिन (G-C)।

जीन का कार्य (Function of Genes)

  1. जीन की परिभाषा:
    • जीन: डीएनए की एक खंड जो विशेष लक्षणों या कार्यों के लिए निर्देश प्रदान करता है।
    • कोडन (Codon): तीन न्यूक्लियोटाइड्स की एक श्रृंखला जो एक अमीनो एसिड के लिए कोड करती है।
  2. जीन का नियंत्रण (Gene Regulation):
    • ऑपेरॉन मॉडल (Operon Model): प्रोकेरियोटिक जीनों का समन्वय।
      • लैक्टोज ऑपेरॉन (Lactose Operon): लैक्टोज के उपस्थिति पर जीनों का नियंत्रित अभिव्यक्ति।
    • प्रोमोटर और एन्हांसर (Promoters and Enhancers): जीन के ट्रांसक्रिप्शन को नियंत्रित करते हैं।

डीएनए प्रतिकृति (DNA Replication)

  1. प्रतिकृति का अवलोकन (Overview of Replication):
    • निश्चितता और सटीकता: नई डीएनए स्ट्रैंड का निर्माण सटीकता के साथ।
  2. प्रमुख एंजाइम और प्रक्रियाएँ:
    • डिएक्सिडन्यूक्लियोटाइड (DNA Polymerase): न्यूक्लियोटाइड्स को जोड़ता है।
    • हेलिकेज़ (Helicase): डीएनए की डबल हेलिक्स को खोलता है।
    • लिगेज़ (Ligase): डिस्कनेक्टेड हिस्सों को जोड़ता है।
    • प्राइमेज़ (Primase): डीएनए के नए स्ट्रैंड के निर्माण के लिए RNA प्राइमर प्रदान करता है।

प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis)

  1. ट्रांसक्रिप्शन (Transcription):
    • स्थान: नाभिक (Nucleus)
    • प्रक्रिया:
      • डीएनए से mRNA (मैसेंजर आरएनए) का निर्माण।
      • RNA पोलिमरेज़ (RNA Polymerase) का उपयोग।
  2. ट्रांसलेशन (Translation):
    • स्थान: राइबोसोम (Ribosome)
    • प्रक्रिया:
      • mRNA की जानकारी का उपयोग कर प्रोटीन का निर्माण।
      • tRNA (ट्रांसफर RNA): अमीनो एसिड को राइबोसोम तक ले जाता है।
      • कोडन और एंटीकोडन: mRNA और tRNA के बीच की बातचीत।

आनुवंशिक सूचनाओं का संचरण (Transmission of Genetic Information)

  1. मेनडेलियन वंशागति (Mendelian Inheritance):
    • नियमों का आधार: जीनों के संचरण की मौलिक प्रक्रिया।
  2. अनुवांशिक परिवर्तन (Genetic Variations):
    • म्यूटेशन (Mutation): जीन के अनुक्रम में परिवर्तन जो आनुवंशिक विविधता का कारण बनता है।
    • क्रोमोसोमल परिवर्तनों (Chromosomal Changes): क्रोमोसोम की संरचना या संख्या में परिवर्तन।

आणविक जीवविज्ञान के अनुप्रयोग (Applications of Molecular Biology)

  1. जीनोमिक्स (Genomics):
    • जीनोम की अनुक्रमण (Genome Sequencing): संपूर्ण जीनोम की अनुक्रमण प्रक्रिया।
    • जीन संपादन (Gene Editing): CRISPR-Cas9 जैसी तकनीकों का उपयोग।
  2. आनुवंशिक रोगों की पहचान (Identification of Genetic Disorders):
    • जीन परीक्षण (Genetic Testing): आनुवंशिक रोगों की पहचान के लिए प्रयोगशाला परीक्षण।
  3. जीन थेरेपी (Gene Therapy):
    • रोगों का उपचार: जीन संशोधन के माध्यम से आनुवंशिक विकारों का इलाज।