तरंग प्रकाशिकी प्रकाश की तरंग प्रकृति पर आधारित है। इस अध्याय में प्रकाश की वे घटनाएँ शामिल होती हैं जिन्हें तरंग सिद्धांत से समझाया जा सकता है, जैसे व्यतिकरण, विवर्तन, और ध्रुवण।
ह्यूजेंस सिद्धांत (Huygens’ Principle):
ह्यूजेंस ने प्रस्तावित किया कि प्रकाश की प्रत्येक बिंदु तरंग को एक नया तरंग बिंदु माना जा सकता है, और इन तरंग बिंदुओं का संगति से अगली तरंग आकृति बनती है। इसे तरंग सिद्धांत कहा जाता है।
प्रकाश का व्यतिकरण (Interference of Light)
व्यतिकरण की परिभाषा (Definition of Interference):
जब दो या दो से अधिक प्रकाश तरंगें एक ही स्थान पर मिलती हैं, तो वे एक-दूसरे के साथ संगति (superimpose) करती हैं और एक नए तरंग रूप का निर्माण करती हैं। इसे व्यतिकरण कहते हैं।
प्रकार:
रचनात्मक व्यतिकरण (Constructive Interference):
जब दो तरंगें समान परिमाण और दिशा में संगति करती हैं, तो उनकी तीव्रता बढ़ जाती है। इस स्थिति को रचनात्मक व्यतिकरण कहते हैं।
विनाशकारी व्यतिकरण (Destructive Interference):
जब दो तरंगें विपरीत दिशा में संगति करती हैं, तो उनकी तीव्रता घट जाती है। इसे विनाशकारी व्यतिकरण कहा जाता है।
यंग का व्यतिकरण प्रयोग (Young’s Double-Slit Experiment):
प्रयोग:
इस प्रयोग में एकल प्रकाश स्रोत से निकलने वाली किरणों को दो संकरी दरारों (slits) से गुजारा जाता है। इन दरारों से निकलने वाली किरणें एक-दूसरे के साथ संगति करती हैं और पर्दे पर एक धारियों वाला प्रतिरूप बनाती हैं।
सूत्र:
व्यतिकरण पट्टियों की चौड़ाई w = λD / d
जहाँ λ प्रकाश की तरंगदैर्ध्य, D पर्दे और दरारों के बीच की दूरी, और d दरारों के बीच की दूरी है।
प्रकाश का विवर्तन (Diffraction of Light)
विवर्तन की परिभाषा (Definition of Diffraction):
विवर्तन वह घटना है जिसमें प्रकाश किरणें किसी अवरोध या संकरी दरार से गुजरते समय मुड़ जाती हैं और परिणामस्वरूप प्रकाश का फैलाव होता है।
प्रकार:
एकल दरार विवर्तन (Single-Slit Diffraction):
जब प्रकाश एक संकरी दरार से गुजरता है, तो यह दरार के किनारों से मुड़ जाता है और एक विवर्तन प्रतिरूप बनाता है।
प्रमुख विवर्तन पट्टी (Principal Diffraction Fringe):
यह सबसे तीव्र पट्टी होती है, जो दरार के केंद्र के सामने बनती है।
सूत्र:
विवर्तन कोण θ = n / λa
जहाँ n विवर्तन क्रम संख्या, λ तरंगदैर्ध्य, और a दरार की चौड़ाई है।
प्रकाश का ध्रुवण (Polarization of Light)
ध्रुवण की परिभाषा (Definition of Polarization):
ध्रुवण वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश की तरंगें केवल एक ही दिशा में कंपन करती हैं।
प्राकृतिक और ध्रुवित प्रकाश:
प्राकृतिक प्रकाश में तरंगें सभी दिशाओं में कंपन करती हैं, जबकि ध्रुवित प्रकाश में तरंगें केवल एक ही दिशा में कंपन करती हैं।
ध्रुवण के तरीके (Methods of Polarization):
विवर्तन द्वारा ध्रुवण (Polarization by Reflection):
जब प्रकाश किसी समतल सतह से परावर्तित होता है, तो यह आंशिक रूप से ध्रुवित हो जाता है।
अपवर्तन द्वारा ध्रुवण (Polarization by Refraction):
कुछ सामग्री में, अपवर्तन के दौरान प्रकाश की तरंगें ध्रुवित हो जाती हैं।
ब्रूस्टर का नियम (Brewster’s Law):
यह नियम बताता है कि परावर्तन और अपवर्तन के कोण पर ध्रुवण की स्थिति होती है।
समीकरण:
tan ib = n
जहाँ ib ब्रूस्टर कोण और n माध्यम का अपवर्तक सूचकांक है।
प्रकाश के युगपत (Coherent Sources)
युगपत स्रोतों की परिभाषा (Definition of Coherent Sources):
युगपत स्रोत वे होते हैं जिनमें समान आवृत्ति, समान तरंगदैर्ध्य, और निरंतर समयांतराल में एक ही फेज अंतर हो।
उदाहरण:
लेजर प्रकाश एक उदाहरण है जिसमें प्रकाश की किरणें युगपत होती हैं।
विवर्तन ग्रेटिंग (Diffraction Grating)
विवर्तन ग्रेटिंग की परिभाषा (Definition of Diffraction Grating):
विवर्तन ग्रेटिंग एक पारदर्शी सतह होती है जिस पर बहुत सी संकरी दरारें होती हैं। यह सतह प्रकाश को अनेक रंगों में विभाजित करती है।
विवर्तन ग्रेटिंग के प्रयोग:
स्पेक्ट्रम बनाने और प्रकाश की तरंगदैर्ध्य मापने में उपयोग किया जाता है।
सूत्र:
ग्रेटिंग तत्व (Grating Element): dsinθ = nλ
जहाँ d ग्रेटिंग की दरारों की दूरी, θ विवर्तन कोण, n क्रम संख्या, और λ प्रकाश की तरंगदैर्ध्य है।
प्रकाश का फैलाव (Dispersion of Light)
फैलाव की परिभाषा (Definition of Dispersion):
जब प्रकाश किसी प्रिज्म में प्रवेश करता है, तो यह विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाता है, जिसे फैलाव कहते हैं।
फैलाव का कारण:
प्रकाश के विभिन्न रंगों की अलग-अलग तरंगदैर्ध्य होती हैं, जिनके कारण उनका अपवर्तन अलग-अलग होता है।
वर्ण विकिरण (Spectrum Formation):
प्रिज्म में प्रकाश का विकिरण सात रंगों का बनता है जिसे स्पेक्ट्रम कहते हैं।
प्रकाश के तरंग गुण (Wave Nature of Light)
यंग का प्रयोग (Young’s Experiment):
इस प्रयोग में प्रकाश की तरंग प्रकृति को सिद्ध किया गया। यंग के दो-दरार प्रयोग में एकल प्रकाश स्रोत से निकलने वाली किरणों को दो संकरी दरारों से गुजारा गया। दरारों से निकलने वाली किरणें पर्दे पर मिलकर व्यतिकरण प्रतिरूप बनाती हैं, जो प्रकाश की तरंग प्रकृति को सिद्ध करता है।
परिणाम:
प्रकाश की तरंग प्रकृति के सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश का व्यतिकरण, विवर्तन और ध्रुवण होता है, जो तरंगों के गुणधर्म हैं।