परिचय (Introduction)

  • द्वैत प्रकृति (Dual Nature):
    • 20वीं सदी की शुरुआत में, यह सिद्ध हुआ कि प्रकाश और द्रव्य दोनों में द्वैत प्रकृति होती है, अर्थात् वे तरंग और कण दोनों के गुण दर्शाते हैं।
    • विकिरण: इसमें प्रकाश की तरंग और कण गुणधर्मों का अध्ययन किया जाता है।
    • द्रव्य: इसमें इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों और अन्य सूक्ष्म कणों के तरंग और कण प्रकृति का अध्ययन होता है।

हाइज़ेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत (Heisenberg’s Uncertainty Principle)

  • सिद्धांत की परिभाषा (Definition):
    • यह सिद्धांत बताता है कि किसी कण की स्थिति और उसके संवेग (momentum) दोनों को एक साथ सटीकता से मापा नहीं जा सकता।
    • समीकरण: Δx × Δp ≥ h /4π
      • जहाँ Δx स्थिति की अनिश्चितता, Δp संवेग की अनिश्चितता, और h प्लांक का स्थिरांक है।
  • महत्व:
    • यह सिद्धांत सूक्ष्म कणों के अध्ययन में महत्वपूर्ण है, जहाँ तरंग और कण गुणधर्मों को एक साथ देखा जाता है।

फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव (Photoelectric Effect)

  • परिभाषा (Definition):
    • जब प्रकाश किसी धातु की सतह पर पड़ता है, तो सतह से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं। इस घटना को फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव कहते हैं।
  • आइंस्टाइन का सिद्धांत (Einstein’s Theory):
    • आइंस्टाइन ने इस प्रभाव को समझाने के लिए प्रकाश के कण सिद्धांत का प्रयोग किया।
    • समीकरण: Kmax = hν − ϕ
      • जहाँ Kmax उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा है, h प्लांक का स्थिरांक है, ν प्रकाश की आवृत्ति है, और ϕ कार्यफल (work function) है।
  • आवश्यक शर्तें:
    • प्रकाश की आवृत्ति ν सतह के कार्यफल से अधिक होनी चाहिए ताकि इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित हो सके।
    • कट-ऑफ आवृत्ति (Cut-off Frequency):
      • वह न्यूनतम आवृत्ति जिस पर इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं।
    • कट-ऑफ तरंगदैर्ध्य (Cut-off Wavelength):
      • वह अधिकतम तरंगदैर्ध्य जिस पर फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव हो सकता है।

दी-ब्रोगली तरंगदैर्ध्य (de Broglie Wavelength)

  • परिभाषा (Definition):
    • 1924 में, लुई दी-ब्रोगली ने प्रस्तावित किया कि सभी चलती हुई कणों (जैसे इलेक्ट्रॉनों) में तरंग गुणधर्म होते हैं।
    • दी-ब्रोगली समीकरण (de Broglie Equation):
      • λ = hp
      • जहाँ λ कण की तरंगदैर्ध्य, h प्लांक का स्थिरांक, और p कण का संवेग है।
  • उपयोग:
    • यह सिद्धांत इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों और अन्य कणों के तरंग प्रकृति को समझाने में महत्वपूर्ण है।

कॉम्पटन प्रभाव (Compton Effect)

  • परिभाषा (Definition):
    • जब उच्च ऊर्जा वाले फोटॉन (जैसे X-किरणें) किसी इलेक्ट्रॉन के साथ टकराते हैं, तो वे अपना कुछ ऊर्जा और संवेग इलेक्ट्रॉन को देते हैं और उनका तरंगदैर्ध्य बढ़ जाता है। इस घटना को कॉम्पटन प्रभाव कहते हैं।
  • कॉम्पटन तरंगदैर्ध्य (Compton Wavelength):

  • महत्व:
    • यह प्रभाव फोटॉन के कण प्रकृति को दर्शाता है और क्वांटम यांत्रिकी के विकास में महत्वपूर्ण था।

यंग का दो-दरार प्रयोग (Young’s Double-Slit Experiment)

  • परिभाषा (Definition):
    • इस प्रयोग में, एकल प्रकाश स्रोत से निकलने वाली किरणों को दो संकरी दरारों से गुजारा जाता है। दरारों से निकलने वाली किरणें एक-दूसरे के साथ संगति करती हैं और पर्दे पर एक धारियों वाला प्रतिरूप बनाती हैं।
  • व्यतिकरण (Interference):
    • इस प्रयोग से प्रकाश की तरंग प्रकृति सिद्ध होती है, क्योंकि यह व्यतिकरण पैटर्न बनाता है।
  • दी-ब्रोगली के संदर्भ में:
    • इसी सिद्धांत के आधार पर, यह निष्कर्ष निकाला गया कि इलेक्ट्रॉन और अन्य कण भी तरंग की तरह व्यवहार कर सकते हैं।

विद्युत-चुम्बकीय तरंगें और उनका स्पेक्ट्रम (Electromagnetic Waves and Spectrum)

  • विद्युत-चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves):
    • विद्युत-चुम्बकीय तरंगें वे तरंगें होती हैं जो विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों में दोलन के कारण उत्पन्न होती हैं।
  • स्पेक्ट्रम:
    • विद्युत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम विभिन्न तरंगदैर्ध्यों की तरंगों को दिखाता है, जिसमें रेडियो तरंगें, सूक्ष्म तरंगें, अवरक्त, दृश्य प्रकाश, अल्ट्रावायलेट, X-किरणें और गामा किरणें शामिल हैं।
  • तरंगदैर्ध्य और आवृत्ति:
    • समीकरण: c = λ × ν
      • जहाँ c प्रकाश की गति, λ तरंगदैर्ध्य, और ν आवृत्ति है।

प्रकाश का कण सिद्धांत (Particle Theory of Light)

  • फोटॉन का सिद्धांत (Photon Theory):
    • आइंस्टाइन के अनुसार, प्रकाश फोटॉन नामक कणों के रूप में ऊर्जा को वहन करता है।
  • फोटॉन की ऊर्जा (Energy of Photon):
    • समीकरण: E  = hν
      • जहाँ E फोटॉन की ऊर्जा, h प्लांक का स्थिरांक, और ν आवृत्ति है।
  • फोटॉन का संवेग (Momentum of Photon):
    • समीकरण: p = h / λ
      • जहाँ p फोटॉन का संवेग और λ तरंगदैर्ध्य है।
  • प्रकाश का द्वैत सिद्धांत (Dual Nature of Light):
    • प्रकाश तरंग और कण दोनों के गुणधर्म दर्शाता है, जो विभिन्न प्रयोगों में सिद्ध होता है।