विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves) की परिभाषा:
विद्युत चुम्बकीय तरंगें ऐसी तरंगें हैं जो विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों के समय-समय पर बदलते हुए संयोजन से बनती हैं। ये तरंगें अंतरिक्ष में बिना किसी माध्यम के भी यात्रा कर सकती हैं।
प्रकृति:
ये अनुप्रस्थ तरंगें होती हैं, अर्थात् इनमें विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लंबवत होते हैं और दोनों ही तरंगों की गति की दिशा के लंबवत होते हैं।
महत्व:
विद्युत चुम्बकीय तरंगें विभिन्न प्रकार के विकिरण जैसे रेडियो तरंगें, सूक्ष्म तरंगें, अवरक्त विकिरण, दृश्य प्रकाश, पराबैंगनी विकिरण, एक्स-किरण, और गामा किरणों के रूप में पाई जाती हैं।
विद्युत चुम्बकीय तरंगों का इतिहास (History of Electromagnetic Waves)
जेम्स क्लर्क मैक्सवेल (James Clerk Maxwell):
मैक्सवेल ने 1864 में विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों के बीच संबंध को समझाने के लिए चार समीकरण दिए, जिन्हें मैक्सवेल के समीकरण कहा जाता है।
हाइनरिच हर्ट्ज़ (Heinrich Hertz):
हर्ट्ज़ ने 1887 में पहली बार प्रयोगात्मक रूप से विद्युत चुम्बकीय तरंगों का अस्तित्व सिद्ध किया।
मैक्सवेल के समीकरण (Maxwell’s Equations)
गाउस का विद्युत क्षेत्र के लिए नियम (Gauss’s Law for Electric Field):
विद्युत क्षेत्र का कुल फ्लक्स बंद सतह के भीतर कुल आवेश के समानुपाती होता है।
समीक:∇⋅ E = ρ / ϵ0
गाउस का चुम्बकीय क्षेत्र के लिए नियम (Gauss’s Law for Magnetic Field):
चुम्बकीय क्षेत्र का कुल फ्लक्स किसी भी बंद सतह के लिए शून्य होता है।
समीक:∇ ⋅ B = 0
फैराडे का विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का नियम (Faraday’s Law of Electromagnetic Induction):
समय के साथ चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है।
समीक:∇ × E = −∂B / ∂t
एम्पियर का परिपथ नियम (Ampere’s Circuital Law) (संशोधित):
एक परिवर्ती विद्युत क्षेत्र या धारा एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।
समीक:∇ × B = μ₀J + μ₀ϵ0 ∂E / ∂t
विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उत्पादन (Production of Electromagnetic Waves)
आवश्यक शर्तें:
विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उत्पादन तब होता है जब एक विद्युत आवेश त्वरित गति करता है, जिससे परिवर्ती विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होते हैं।
उत्पादन का सिद्धांत:
एक त्वरित आवेश के कारण उत्पन्न होने वाला परिवर्ती विद्युत क्षेत्र एक परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र को जन्म देता है, और यह प्रक्रिया पुनरावृत्ति करती है जिससे विद्युत चुम्बकीय तरंगें उत्पन्न होती हैं।
उदाहरण:
रेडियो तरंगों का उत्पादन एक एंटीना द्वारा किया जाता है, जिसमें विद्युत धारा की आवृत्ति को बदलकर विभिन्न तरंग दैर्ध्य की तरंगें उत्पन्न की जाती हैं।
विद्युत चुम्बकीय तरंगों का गुण (Properties of Electromagnetic Waves)
अनुप्रस्थ प्रकृति (Transverse Nature):
विद्युत चुम्बकीय तरंगें अनुप्रस्थ होती हैं, अर्थात् विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लंबवत होते हैं।
वेग (Speed):
विद्युत चुम्बकीय तरंगें निर्वात में c = 3 × 10⁸ m/s की गति से यात्रा करती हैं।
ऊर्जा और विकिरण (Energy and Radiation):
विद्युत चुम्बकीय तरंगें ऊर्जा का संचार करती हैं, और इस ऊर्जा का परिमाण तरंग की आवृत्ति और आयाम पर निर्भर करता है।
स्पेक्ट्रम (Spectrum):
विद्युत चुम्बकीय तरंगों का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम होता है जिसमें विभिन्न तरंग दैर्ध्य और आवृत्तियों की तरंगें शामिल होती हैं।
विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum)
स्पेक्ट्रम के हिस्से:
विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में विभिन्न प्रकार की तरंगें शामिल होती हैं, जिनकी आवृत्तियाँ और तरंग दैर्ध्य भिन्न-भिन्न होते हैं।
स्पेक्ट्रम का विभाजन:
रेडियो तरंगें (Radio Waves):
तरंग दैर्ध्य: 10³ m से 10⁻¹ m
उपयोग: रेडियो प्रसारण, टीवी प्रसारण
सूक्ष्म तरंगें (Microwaves):
तरंग दैर्ध्य: 10⁻¹ m से 10³
उपयोग: माइक्रोवेव ओवन, रडार संचार
अवरक्त विकिरण (Infrared Radiation):
तरंग दैर्ध्य: 10⁻³ से 7 × 10⁻⁷ m
उपयोग: हीटर, रात्रि दृष्टि उपकरण
दृश्य प्रकाश (Visible Light):
तरंग दैर्ध्य: 7 × 10⁻⁷ m से 4 × 10⁻⁷ m
उपयोग: मानव दृष्टि, प्रकाश उपकरण
पराबैंगनी विकिरण (Ultraviolet Radiation):
तरंग दैर्ध्य: 4 × 10⁻⁷ m से 10⁻⁸ m
उपयोग: रोगाणुनाशक, फ्लोरोसेंट लैंप
एक्स-किरणें (X-Rays):
तरंग दैर्ध्य: 10⁻⁸ m से 10⁻¹⁰ m
उपयोग: चिकित्सा चित्रण, सुरक्षा जांच
गामा किरणें (Gamma Rays):
तरंग दैर्ध्य: 10⁻¹⁰ m से 10⁻¹⁴ m
उपयोग: कैंसर उपचार, परमाणु विकिरण
विद्युत चुम्बकीय तरंगों के अनुप्रयोग (Applications of Electromagnetic Waves)
दूरसंचार (Telecommunication):
रेडियो तरंगों और सूक्ष्म तरंगों का उपयोग रेडियो, टीवी, और मोबाइल संचार में किया जाता है।
चिकित्सा (Medical):
एक्स-किरणों और गामा किरणों का उपयोग चिकित्सा चित्रण और कैंसर उपचार में किया जाता है।
उर्जा उत्पादन (Energy Production):
सौर ऊर्जा उत्पादन में विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उपयोग किया जाता है।
औद्योगिक प्रक्रियाएँ (Industrial Processes):
माइक्रोवेव और अवरक्त विकिरण का उपयोग हीटिंग और ड्राईंग प्रक्रियाओं में किया जाता है।