बिरसा मुण्डा
☞ इनका जन्म 15 नवम्बर, 1875 में उलिहातु खूटी में हुआ था। इनका बचपन का नाम दाऊद मुण्डा था।
☞ आदिवासी नेता एवं लोक नायक बिरसा मुण्डा जनजाति से सम्बन्ध रखते थे। इन्हें धरती आबा के नाम से भी जाना जाता है।
☞ इनके जीवन का प्रारम्भिक काल (1886-94 ई.) चाईबासा में व्यतीत हुआ। इन्होंने सामाजिक जागरण के लिए, जागीरदारों एवं अंग्रेजों से मुक्ति के लिए आन्दोलन चलाया।
☞ बिरसा मुण्डा को लोग भगवान बिरसा कहकर पुकारते थे। इन्होंने महान् ‘ उलगुलान विद्रोह ‘, जिसे ‘ बिरसा मुण्डा आन्दोलन ‘ भी कहा जाता था (1895-90 ई.) का नेतृत्व किया। 1895 ई. में बिरसा को अंग्रेज सरकार द्वारा षड्यन्त्र रचने के आरोप में 2 वर्ष के लिए जेल भेज दिया गया।
☞ 1895 ई. में इन्होंने अपने आप को सिंगबोंगा का दूत (पैगम्बर के समतुल्य) घोषित किया और एक नए पन्थ, बिरसाइट पन्थ की शुरुआत की।
☞ 9 जून, 1900 को हैजा रोग (रहस्यमय परिस्थितियों में) से इनकी मृत्यु रांची जेल में हो गई थी।