झारखण्ड का भूगोल

झारखण्ड की मिट्टी :- झारखण्ड में 6 तरह की मिट्टी मिलती है ।

लाल मिट्टी :- यह राज्य की सर्वप्रमुख मिट्टी है । छोटानागपुर के लगभग 9०% क्षेत्र में यह मिट्टी पाई जाती है।

काली मिट्टी :- राजमहल के पहाड़ी क्षेत्र में पाई जाती है । धान एवं चने की खेती के लिए उपयुक्त है।

लेटराइट मिट्टी :- रांची के पश्चिमी क्षेत्र में पलामू के दक्षिणी क्षेत्र संथाल परगना के क्षेत्र आदि उपजाऊ नहीं।

अभ्रकमूलक:- कोडरमा मांडू बड़कागांव झुमरी तिलैया आदि।

रेतीली मिट्टी :- हजारीबाग के पूर्व व धनबाद में मोटे अनाज के लिए उपयुक्त।

जलोढ़ मिट्टी :- मुख्यतः संथाल परगना के उत्तरी मुहाने पर धान एवं गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त।

भौगोलिक स्थिति भारत के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित
चौड़ाई (पूर्व से पश्चिम ) 463 km
लंबाई (उत्तर से दक्षिण ) 380 km
अक्षांशीय विस्तार 21°58’10” से 25°18’उत्तरी अक्षांश
देशांतरीय विस्तार 83°19’50”से 87°57’पूर्वी देशांतर
भौगोलिक सीमाएं

उत्तर में बिहार, दक्षिण में ओडिशा, पूर्व में पश्चिम बंगाल, 

पश्चिम में छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश

राज्य की सिमा को स्पर्श करने वाले राज्य बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश
क्षेत्रफल 79714 वर्ग कि०मी०
ग्रामीण क्षेत्रफल 77,922 वर्ग कि०मी०
सहरी क्षेत्रफल 1,792 वर्ग कि०मी०
भारत के कुल क्षेत्रफल का हिस्सा 42 %
क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का देश में स्थान 16
कुल प्रमंडलों कि संख्या 5
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रमंडल उत्तरी छोटानागपुर
क्षेत्रफल के दृष्टि से सबसे छोटा प्रमंडल पलामू
कुल जिलो कि संख्या 24
क्षेत्रफल के दृष्टि से सबसे बड़ा जिला पश्चिमी सिंहभूम
क्षेत्रफल के दृष्टि से सबसे छोटा जिला रामगढ़
कुल अनुमंडलों कि संख्या 43
कुल प्रखंडो कि संख्या 260
मुख्य फसल धान
जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी
कुल वन भूमि 23611 वर्ग किलोमीटर