Chapter-10 : वाख Leave a Comment / By Kartik Mahato / September 7, 2023 1. ” वाख ” कविता में ‘ माझी ‘ किसे कहा गया है ? नाविक को वैराग्य को मनुष्य को ईश्वर को None 2. ‘ वाख ‘ कविता के कवि कौन है ? सुमित्रा नंदन पंत चंद्रकांत देवताले ललद्यद महादेवी वर्मा None 3. ललद्यद किस भाषा की कवयित्री हैं हिन्दी कश्मीरी अवधी भाषा ब्रज भाषा None 4. ” थल – थल में बसता है शिव ही ” – यह पंक्ति किस कविता की – है ? साखियाँ सवैये सबद ( पद ) वाख None 5. ललद्यद की काव्य – शैली को कहा गया है – साख पाख भाख वाख None 6. ” रस्सी कच्चे धागे की , खींच रही मैं नाव । ” यह किस कविता की पंक्ति है ? वाख ग्राम श्री सवैये यमराज की दिशा None 7. ‘वाख’ किसे कहते हैं? एक पक्षी का नाम वाणी को वाख कहते हैं कविता को वाख कहते हैं ईश्वर भक्ति को वाख कहते हैं None 8. किससे न मिलने के कारण कवयित्री के मन में ‘हूक’ उठ रही है? प्रेमी से पिता से परमात्मा से परिवार से None 9. कवयित्री कच्चे धागे की रस्सी किसे कहती हैं? जीवन को प्रभु-भक्ति को मृत्यु को अपनी इच्छाशक्ति को। None 10. कवयित्री हिंदू और मुसलमान दोनों को किसकी आराधना करने के लिए प्रेरित करती हैं? श्रीकृष्ण की गणेश की शिव की विष्णु की None 11. किसे जानने के बाद ही परमात्मा का बोध हो सकता है? आत्मा को साधु को मनुष्य को धर्म को None 12. ईश्वर के लिए कवयित्री ने किन दो शब्दों का प्रयोग किया है? ज्ञानी-देव धागा, सकोरे समभावी, नाव साहिब, शिव None 13. किसे पहचानने के लिए आत्मज्ञान का होना आवश्यक है? ईश्वर को संसार को स्वयं को इनमें से कोई नहीं None 14. मनुष्य भोगों को भोग कर किसको नाश करता है? ईश्वर को शरीर को दुःखों को इनमें से कोई नहीं None 15. कविता में कैसी जीवन-शैली अपनाते हुए प्रभु को पाने का भाव व्यक्त हुआ है? आरामदायक अनुशासित सहज इनमें से कोई नहीं None 16. भोग और त्याग के बीच के मार्ग को अपनाने वाले को क्या कहते हैं? अहमभावी भोगी त्यागी समभावी None 17. शिव कहाँ बसते हैं? मंदिर में पर्वतों पर सर्वत्र समाज में None 18. तपस्या का जीवन जीने से मनुष्य के मन में क्या पैदा होता है? त्याग सुख अहंकार संतोष None 19. कविता में किन बंधनों से मुक्ति की बात की गई है? पारिवारिक सांसारिक सामाजिक त्याग से None 20. 'सुषुम्ना नाड़ी' का प्रयोग लेखिका ने किसे दर्शाने हेतु किया होगा? अपनी इच्छाशक्ति को। योग-साधना को। निर्गुण भक्ति को। सगुण भक्ति को| None 1 out of 2 Time's up