Chapter-7: छाया मत छूना Leave a Comment / By Kartik Mahato / September 25, 2023 1. छाया मत छूना ‘ कविता के कवि कौन हैं ? गिरिजाकुमार माथुर नागार्जुन ऋतुराज सूरदास None 2. कवि छाया छूने से इसलिए मना कर रहा है क्योंकि यह- मन में पीड़ा बनकर चुभती रहती है मृगतृष्णा मात्र है शारीरिक पीड़ा प्रदान करती है स्पर्श योग्य नहीं होती None 3. कवि के अनुसार , मनुष्य अतीत में खोए रहने के कारण रहता है । सुखी दुःखी भ्रमित उदास None 4. कवि अपने जीवन में क्या पाने के लिए निरंतर दौड़ता रहा ? लोकप्रियता मान – प्रतिष्ठा अपार संपत्ति इनमें सभी None 5. छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ चंद्रिका ‘ और ‘ कृष्णा ‘ किसके प्रतीकार्थ हैं ? सुख – दुख सांसारिक मोह से मुक्ति आगमन – आवागमन चाँद – रात None 6. कवि ने प्रभुता की कामना को क्या माना है ? मृगतृष्णा कटु यथार्थ चंद्रिका जीवन की सच्चाई None 7. कवि के अनुसार , जो सुख जीवन में प्राप्त न हो सका , उसे भूलकर —— करना चाहिए । प्रभुता की कामना बीते क्षणों की याद उचित समय की प्रतीक्षा भविष्य का वरण None 8. दुविधा हत साहस ‘ का क्या अभिप्राय है ? मन का दुविधा से ग्रस्त होना साहस का दुविधा से ग्रस्त होना दुविधा में रहकर जोखिम भरे कार्य करना जीवन का साहसहीन होना None 9. ‘शरद – रात ‘ आने पर चाँद के न खिलने से किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है ? आशा के भाव की निराशा के भाव की संतुष्टि के भाव की क्रोध के भाव की None 10. ‘ छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ छाया ‘ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में हुआ है ? मानवीय प्रतिबिंब अतीत की स्मृतियाँ दुविधा संशय None 11. कवि ने किसके पूजन की बात कही है ? जीवन के सुखद क्षणों की जीवन की कटु सच्चाई की मन के भ्रम की अतीत के सुहावने क्षणों की None 12. कवि के अनुसार , वास्तविक खुशी और सफलता किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है ? यश और वैभव कमाकर देह सुखी होने पर प्रभुता की कामना करने से यथार्थ के पूजन द्वारा None 13. कवि के जीवन की ‘ सुरंग – सुधियाँ ‘ क्या हैं ? बीती सुखद स्मुतियाँ प्रिया के पुष्प गुच्छ सच्चाई का कटु अनुभव प्रिया मिलन की सुनहरी यादें None 14. हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति में ‘ चंद्रिका ‘ का प्रतीकार्थ क्या है ? चांदनी रात चाँद का प्रकाश जीवन के सुखद क्षण जीवन के दुःखद क्षण None 15. ‘ हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति का भाव है सुख – दुख के क्षण सदैव स्थिर रहते हैं सुख – दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं चाँद की किरणों में आशा की किरण विद्यमान होती है इनमें सभी None 16. छाया मत छूना ‘ कविता में प्रयुक्त ‘ शरद रात ‘ व ‘ वसंत ‘ का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है ? जीवन के सुखद क्षण जीवन के दुःखद क्षण जीवन के संघर्षमय क्षण जीवन के कटु अनुभव None 17. चाँदनी रात को देखकर कवि को किसकी याद आती है ? प्रेयसी के बालों में लगे फूलों की खुशबू की प्रेयसी से बिछुड़ते पलों की दुःखद क्षणों की प्राकृतिक सौंदर्य की None 18. यामिनी ‘ किसका प्रतीक है ? निराशा का सुखमय क्षणों का प्रेयसी से वियोग का विचलित कर देने वाले समय का None 19. सुरंग सुधियाँ सुहावनी ‘ में स्मृतियों को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है ? दुविधाग्रस्त रूप में रंग – बिरंगी मनभावक रूप में विकट रूप में कटु रूप में None 20. कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी ‘ में ‘ कुंतल ‘ शब्द से क्या अभिप्राय है ? कमल के फूल रंग – बिरंगे वस्त्र लंबे बाल बगीचा None 1 out of 2 Time's up