Chapter- 8: हे भूख! मत मचल, हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर

1. 
अक्क महादेवी किसकी अनन्य भक्त हैं ?

2. 
अक्क महादेवी किस आंदोलन से जुड़ी एक महत्त्वपूर्ण कवयित्री थीं ?

3. 
ईश्वर की समता किससे की गई है ?

4. 
किस कवियित्री को ‘ कन्नड़ ‘ की मीरा ‘ की संज्ञा दी गयी है ?

5. 
चन्नमल्लिकार्जुन ‘ शब्द का क्या अर्थ है ?

6. 
प्रभु भक्ति करने के लिए हमें किस पर नियंत्रण करना चाहिए ?

7. 
अक्क महादेवी की कविता को हिन्दी में क्या कहा गया है ?

8. 
अक्क महादेवी के वचन के आधार पर प्रभु भक्ति के लिए किस पर नियंत्रण करना चाहिए ?

9. 
पहले वचन की पंक्ति ” आई हूँ संदेश लेकर चन्नमल्लिकार्जुन का ” के आधार पर कवयित्री किसका संदेश लेकर आई है ?

10. 
अक्क महादेवी के दोनों वचनों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद किसने किया ?

11. 
निम्न में कौन अक्क महादेवी के समकालीन कन्नड़ संत कवि थे ?

12. 
अक्क महादेवी ने विवाह के लिए राजा के समक्ष कितनी शर्तें रखी ?

13. 
कन्नड़ भाषा में ‘ अक्क ‘ शब्द का अर्थ होता है –

14. 
अक्क महादेवी की कविता कितने वचन में रचित हुआ है ?

15. 
“हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर ” पंक्ति में कौन – सा अलंकार है ?

16. 
अक्कमहादेवी के अनुसार लक्ष्य प्राप्ति में क्या बाधक होती है?

17. 
चन्नमलिकार्जुन’ शब्द का अर्थ क्या है?

18. 
क्रोध क्या मचाता है?

19. 
अक्क महादेवी की प्रवृति कैसी थी?

20. 
कवयित्री किससे मिलना चाहती है?

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