परिचय

  • समय के साथ परमाणु की अवधारणा विकसित हुई है, जिससे परमाणु संरचना की वर्तमान समझ प्राप्त हुई है।
  • वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तावित प्रारंभिक परमाणु मॉडल ने आधुनिक परमाणु सिद्धांत की नींव रखी।

उपपरमाण्विक कणों की खोज

  1. इलेक्ट्रॉन्स (Electrons):
    • 1897 में जे.जे. थॉमसन द्वारा कैथोड किरण प्रयोगों के माध्यम से खोजे गए।
    • नकारात्मक आवेशित कण जिनका द्रव्यमान नगण्य होता है।
  2. प्रोटॉन्स (Protons):
    • 1886 में ई. गोल्डस्टीन द्वारा कैनाल किरण प्रयोगों के माध्यम से खोजे गए।
    • सकारात्मक आवेशित कण जिनका द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान से लगभग 1836 गुना अधिक होता है।
  3. न्यूट्रॉन्स (Neutrons):
    • 1932 में जेम्स चैडविक द्वारा खोजे गए।
    • न्यूट्रल (अविकसित) कण जिनका द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर होता है।

थॉमसन का परमाणु मॉडल

  • 1897 में जे.जे. थॉमसन द्वारा प्रस्तावित।
  • परमाणु को एक सकारात्मक आवेशित गोला माना गया जिसमें नकारात्मक आवेशित इलेक्ट्रॉन्स धंसे हुए होते हैं।
  • इसे अक्सर “प्लम पुडिंग मॉडल” कहा जाता है।

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल

  • 1911 में अर्नेस्ट रदरफोर्ड द्वारा उनके स्वर्ण पन्नी प्रयोग के आधार पर प्रस्तावित।
  • स्वर्ण पन्नी प्रयोग से मुख्य अवलोकन:
    1. अधिकांश अल्फा कण पन्नी से गुजर गए, यह दर्शाता है कि अधिकांश परमाणु खाली स्थान होते हैं।
    2. कुछ अल्फा कण बड़े कोणों पर विक्षेपित हुए, यह दर्शाता है कि एक घनी, सकारात्मक आवेशित कोर (नाभिक) है।
    3. कुछ कण वापस लौट आए, यह दर्शाता है कि कोर बहुत घना और छोटा है।
  • रदरफोर्ड के मॉडल की मुख्य विशेषताएँ:
    1. परमाणु एक छोटे, घने, सकारात्मक आवेशित नाभिक से बना होता है।
    2. इलेक्ट्रॉन्स नाभिक के चारों ओर कक्षाओं में घूमते हैं।
    3. परमाणु के अधिकांश भाग खाली होते हैं।

बोहर का परमाणु मॉडल

  • 1913 में नील्स बोहर द्वारा प्रस्तावित।
  • बोहर के मॉडल की मुख्य विशेषताएँ:
    1. इलेक्ट्रॉन्स नाभिक के चारों ओर निश्चित कक्षाओं या शेल्स में घूमते हैं।
    2. प्रत्येक कक्षा की एक निश्चित ऊर्जा होती है।
    3. इलेक्ट्रॉन्स इन कक्षाओं में ऊर्जा का विकिरण नहीं करते।
    4. जब एक इलेक्ट्रॉन एक कक्षा से दूसरी कक्षा में छलांग लगाता है, तो ऊर्जा अवशोषित या उत्सर्जित होती है।

परमाणु संख्या और द्रव्यमान संख्या

  • परमाणु संख्या (Atomic Number, Z):
    • परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन्स की संख्या।
    • तत्व की पहचान को परिभाषित करता है।
    • उदाहरण: हाइड्रोजन की परमाणु संख्या 1 है।
  • द्रव्यमान संख्या (Mass Number, A):
    • परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन्स और न्यूट्रॉन्स की कुल संख्या।
    • उदाहरण: कार्बन में 6 प्रोटॉन्स और 6 न्यूट्रॉन्स होते हैं, इसलिए इसकी द्रव्यमान संख्या 12 है।

समस्थानिक (Isotopes)

  • एक ही तत्व के वे परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान होती है, लेकिन द्रव्यमान संख्या अलग होती है।
  • उदाहरण: कार्बन-12 और कार्बन-14।

समभारिक (Isobars)

  • विभिन्न तत्वों के वे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है, लेकिन परमाणु संख्या अलग होती है।
  • उदाहरण: आर्गन-40 और कैल्शियम-40।

विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों का वितरण

  • इलेक्ट्रॉन्स नाभिक के चारों ओर कक्षाओं या शेल्स में व्यवस्थित होते हैं।
  • एक शेल में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2n² सूत्र द्वारा दी जाती है, जहाँ n शेल संख्या है।
    • K शेल (n=1): 2 इलेक्ट्रॉन्स
    • L शेल (n=2): 8 इलेक्ट्रॉन्स
    • M शेल (n=3): 18 इलेक्ट्रॉन्स
    • N शेल (n=4): 32 इलेक्ट्रॉन्स

संयोजकता (Valency)

  • एक परमाणु की संयोजन क्षमता।
  • बाहरी शेल में इलेक्ट्रॉनों की संख्या द्वारा निर्धारित।
    • उदाहरण: सोडियम (Na) के बाहरी शेल में 1 इलेक्ट्रॉन है, इसलिए इसकी संयोजकता 1 है।