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प्राकृतिक संसाधनों का परिचय
- प्राकृतिक संसाधन:
- वे तत्व जो प्रकृति से प्राप्त होते हैं और मानव जीवन के लिए उपयोगी होते हैं।
- दो प्रकार: नवीकरणीय (जैसे वन, जल) और गैर-नवीकरणीय (जैसे कोयला, पेट्रोलियम)।
वन और वन्य जीवन का संरक्षण
- वनों का महत्व:
- जैव विविधता का संरक्षण।
- जलवायु का विनियमन।
- मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना।
- लकड़ी, औषधि, और अन्य वन उत्पादों का स्रोत।
- वनों के संरक्षण के उपाय:
- वन्यजीव संरक्षण कानून।
- वन पुनरुद्धार और पुनः रोपण।
- वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यानों की स्थापना।
जल का संरक्षण
- जल का महत्व:
- सभी जीवों के लिए आवश्यक।
- कृषि, उद्योग, और घरेलू उपयोग में अनिवार्य।
- जल संरक्षण के उपाय:
- जल पुनःचक्रण और पुनः उपयोग।
- वर्षा जल संचयन।
- जल प्रदूषण की रोकथाम।
कोयला और पेट्रोलियम का प्रबंधन
- कोयला और पेट्रोलियम का महत्व:
- ऊर्जा उत्पादन के मुख्य स्रोत।
- औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक।
- प्रबंधन के उपाय:
- ऊर्जा दक्षता में सुधार।
- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग।
- अपशिष्ट प्रबंधन और पुनःचक्रण।
जैव विविधता का संरक्षण
- जैव विविधता का महत्व:
- पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता।
- मानव स्वास्थ्य और कृषि के लिए आवश्यक।
- संरक्षण के उपाय:
- जैव विविधता संरक्षण कानून।
- जन जागरूकता और शिक्षा।
- जीवों के प्राकृतिक आवासों का संरक्षण।
प्राकृतिक संसाधनों का सतत प्रबंधन
- सतत विकास:
- वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करना बिना भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं से समझौता किए।
- आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन।
- सतत प्रबंधन के उपाय:
- संसाधनों का कुशल उपयोग।
- नवीकरणीय संसाधनों का प्रोत्साहन।
- अपशिष्ट की कमी और पुनःचक्रण।
पर्यावरणीय समस्याएँ और समाधान
- पर्यावरणीय समस्याएँ:
- प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, और जैव विविधता का ह्रास।
- समाधान के उपाय:
- स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग।
- वृक्षारोपण अभियान।
- पर्यावरण संरक्षण कानून और नीतियाँ।
सामुदायिक भागीदारी
- सामुदायिक भागीदारी का महत्व:
- स्थानीय लोगों की भागीदारी से संसाधनों का बेहतर प्रबंधन।
- समुदाय आधारित संरक्षण परियोजनाएँ।
- सफल उदाहरण:
- चिपको आंदोलन।
- संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम।