परिचय
- पदार्थ वह है जिसका द्रव्यमान होता है और जो स्थान घेरता है।
- हमारे चारों ओर की सभी चीजें पदार्थ से बनी होती हैं, जैसे हवा, पानी, भोजन, और यहाँ तक कि हमारे अपने शरीर भी।
पदार्थ की अवस्थाएँ
पदार्थ मुख्यतः तीन अवस्थाओं में पाया जाता है:
- ठोस:
- निश्चित आकार और आयतन।
- कण निकटता से भरे होते हैं।
- कणों की बहुत कम गति होती है।
- उदाहरण: बर्फ, लकड़ी, लोहे।
- द्रव:
- निश्चित आयतन परंतु कोई निश्चित आकार नहीं (पात्र के आकार में ढलता है)।
- ठोस से कम निकटता से भरे होते हैं।
- कणों की मध्यम गति होती है।
- उदाहरण: पानी, दूध, तेल।
- गैस:
- न तो निश्चित आकार और न ही निश्चित आयतन।
- कण बहुत दूर-दूर होते हैं।
- कणों की स्वतंत्र और तेज गति होती है।
- उदाहरण: हवा, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड।
पदार्थ के कणों की विशेषताएँ
- पदार्थ के कण बहुत छोटे होते हैं: ये नग्न आँख से देखे जाने से छोटे होते हैं।
- कणों के बीच स्थान होते हैं: ये स्थान ठोस, तरल और गैस में भिन्न होते हैं।
- कण लगातार गति में रहते हैं: तापमान बढ़ने पर यह गति बढ़ जाती है।
- कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं: यह आकर्षण पदार्थ की अवस्थाओं में अलग-अलग होता है।
पदार्थ की अवस्थाओं का अन्त: परिवर्तन
- पदार्थ एक अवस्था से दूसरी अवस्था में बदल सकता है।
- गलन: ठोस से तरल में।
- हिमन: द्रव से ठोस में।
- वाष्पीकरण: द्रव से गैस में।
- संघनन: गैस से तरल में।
- उर्ध्वपातन: ठोस से सीधे गैस में (और विपरीत)।
- यह परिवर्तन तापमान या दबाव में परिवर्तन के कारण होते हैं।
तापमान परिवर्तन का प्रभाव
- तापमान बढ़ाने से कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ती है।
- ठोस गर्म होकर तरल बनता है और तरल उबाल कर गैस बनता है।
- तापमान घटाने से गतिज ऊर्जा कम होती है, जिससे गैस संघनित होकर तरल बनता है और तरल ठंडा होकर ठोस बनता है।
दबाव परिवर्तन का प्रभाव
- दबाव बढ़ाने से गैस को संपीड़ित करके तरल बनाया जा सकता है।
- दबाव घटाने से तरल वाष्पीकृत होकर गैस बन सकता है।
वाष्पीकरण
- वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा तरल अपनी क्वथनांक से कम तापमान पर वाष्प में बदल जाता है।
- वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक:
- सतह क्षेत्रफल: अधिक सतह क्षेत्रफल, तेज वाष्पीकरण।
- तापमान: अधिक तापमान, तेज वाष्पीकरण।
- नमी: कम नमी, तेज वाष्पीकरण।
- वायु की गति: अधिक वायु की गति, तेज वाष्पीकरण।
वाष्पीकरण के अनुप्रयोग
- शीतलन प्रभाव: वाष्पीकरण से शीतलन होता है (जैसे पसीना आना)।
- कपड़ों का सूखना।
- प्रशीतन और वातानुकूलन।
गुप्त उष्मा
- वह उष्मा जो किसी पदार्थ की अवस्था बदलने के लिए आवश्यक होती है, बिना उसके तापमान को बदले।
- गलन की गुप्त उष्मा: ठोस को उसके गलनांक पर तरल में बदलने के लिए आवश्यक उष्मा।
- वाष्पीकरण की गुप्त उष्मा: तरल को उसके क्वथनांक पर गैस में बदलने के लिए आवश्यक उष्मा।