नियंत्रण एवं समन्वय (Control and Coordination) वह प्रक्रियाएँ हैं जिनके द्वारा जीव अपने शरीर के विभिन्न अंगों और कार्यों के बीच तालमेल बनाए रखते हैं। यह प्रक्रिया तंत्रिका तंत्र और हार्मोनल तंत्र के माध्यम से संपन्न होती है।

1. तंत्रिका तंत्र (Nervous System)

तंत्रिका तंत्र वह प्रणाली है जो तंत्रिकाओं के माध्यम से संदेशों का आदान-प्रदान करती है।

  • मुख्य भाग:
    • मस्तिष्क (Brain): यह शरीर का नियंत्रण केंद्र है।
      • मुख्य भाग:
        • सेरेब्रलम (Cerebellum): संतुलन और समन्वय।
        • मेडुला (Medulla): श्वसन, हृदयगति आदि का नियंत्रण।
        • सेरेब्रल कॉर्टेक्स (Cerebral Cortex): चेतना, संवेदी और मोटर कार्य।
    • रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord): यह मस्तिष्क और शरीर के बीच संदेशों का आदान-प्रदान करती है।
    • तंत्रिकाएँ (Nerves): ये शरीर के विभिन्न भागों से संदेशों को मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी तक पहुंचाती हैं और वहां से वापस लाती हैं।
  • तंत्रिका कोशिकाएँ (Neurons):
    • संरचना:
      • कोशिका निकाय (Cell Body): इसमें न्यूक्लियस होता है।
      • डेंड्राइट्स (Dendrites): ये संदेशों को ग्रहण करते हैं।
      • एक्सॉन (Axon): ये संदेशों को आगे भेजते हैं।
      • सिनेप्स (Synapse): दो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच का संपर्क स्थल।

2. हार्मोनल तंत्र (Hormonal System)

हार्मोनल तंत्र वह प्रणाली है जिसमें हार्मोन नामक रसायनों का उपयोग करके शरीर के विभिन्न कार्यों का समन्वय किया जाता है।

  • मुख्य हार्मोन:
    • एंडोक्राइन ग्रंथियाँ (Endocrine Glands): ये हार्मोन का निर्माण और स्राव करती हैं।
      • पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland): मास्टर ग्रंथि, यह अन्य ग्रंथियों के कार्यों को नियंत्रित करती है।
      • थाइरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland): यह मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करती है।
      • एड्रिनल ग्रंथि (Adrenal Gland): यह तनाव के समय ‘एड्रिनलिन’ हार्मोन का स्राव करती है।
      • अग्न्याशय (Pancreas): यह इंसुलिन और ग्लूकागोन हार्मोन का स्राव करती है, जो रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करते हैं।
      • गोनाड्स (Gonads): यौन हार्मोन का स्राव।

3. पौधों में नियंत्रण एवं समन्वय (Control and Coordination in Plants)

पौधों में नियंत्रण और समन्वय हार्मोन और संवेदनशीलता के माध्यम से होता है।

  • पौधों के हार्मोन (Plant Hormones):
    • ऑक्सिन (Auxin): वृद्धि और विकास को नियंत्रित करता है।
    • जिबरेलिन (Gibberellin): बीज अंकुरण और फल वृद्धि को बढ़ावा देता है।
    • साइटोकाइनिन (Cytokinin): कोशिका विभाजन को बढ़ावा देता है।
    • एब्सिसिक एसिड (Abscisic Acid): बीजों के आराम और पत्तियों के झड़ने को नियंत्रित करता है।
    • एथिलीन (Ethylene): फल पकने और फूलों के झड़ने को नियंत्रित करता है।
  • पादप गति (Plant Movements):
    • नैस्टिक गति (Nastic Movement): यह बाहरी कारकों पर निर्भर नहीं होती।
      • उदाहरण: मिमोसा (छुईमुई) का पत्तियों का बंद होना।
    • ट्रॉपिक गति (Tropic Movement): यह बाहरी कारकों की दिशा में होती है।
      • फोटो ट्रॉपिज्म (Phototropism): प्रकाश की दिशा में वृद्धि।
      • जियो ट्रॉपिज्म (Geotropism): गुरुत्वाकर्षण की दिशा में वृद्धि।

4. मानव में नियंत्रण एवं समन्वय (Control and Coordination in Humans)

  • तंत्रिका तंत्र और हार्मोनल तंत्र के बीच समन्वय: तंत्रिका तंत्र त्वरित प्रतिक्रियाओं के लिए और हार्मोनल तंत्र दीर्घकालिक प्रक्रियाओं के लिए उत्तरदायी होते हैं। दोनों प्रणाली मिलकर शरीर के विभिन्न कार्यों का समन्वय करती हैं।