परिचय (Introduction)

  • तापीय गुण: द्रव्यों के तापीय व्यवहार को समझने के लिए आवश्यक गुण, जैसे कि गर्मी का संचय, तापीय विस्तार, और विशेष गर्मी।
  • उद्देश्य: तापीय ऊर्जा के आदान-प्रदान और द्रव्यों के तापीय गुणधर्मों को समझना।

विशेष गर्मी (Specific Heat Capacity)

  • विशेष गर्मी: एक किलोग्राम द्रव्यमान के किसी पदार्थ के ताप को 1°C (या 1 K) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊर्जा।
    • समीकरण: Q = mcΔT
    • जहां Q = ऊर्जा, m = द्रव्यमान, c = विशेष गर्मी, ΔT = ताप में परिवर्तन
  • विशेष गर्मी की परिभाषा: c = Q/mΔT

उष्मा की प्रक्रिया (Heat Transfer Processes)

  • संवहन (Conduction): गर्मी का संचरण ठोस पदार्थों में, जो तापीय ऊर्जा को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाता है।

  • संवहन (Convection): तरल और गैसों में गर्मी का संचरण, जो द्रव्यों की गति के कारण होता है।
  • विकिरण (Radiation): गर्मी का संचरण बिना मध्यस्थ के, जैसे कि सूर्य की गर्मी पृथ्वी तक पहुंचती है।
    • Stefan-Boltzmann Law: E = σT⁴
    • जहां E = विकिरण ऊर्जा, σ = Stefan-Boltzmann स्थिरांक, T = तापमान

तापीय विस्तार (Thermal Expansion)

  • लंबाई में विस्तार (Linear Expansion): ठोस पदार्थ की लंबाई में परिवर्तन तापमान में वृद्धि के साथ।
    • समीकरण: ΔL = αL0ΔT
    • जहां ΔL = लंबाई में परिवर्तन, α = लम्बाई में विस्तार का गुणांक, = प्रारंभिक लंबाई, ΔT = ताप में परिवर्तन
  • आयतन में विस्तार (Volumetric Expansion): ठोस और तरल पदार्थों के आयतन में परिवर्तन तापमान के साथ।
    • समीकरण: ΔV = βV0ΔT
    • जहां ΔV = आयतन में परिवर्तन, β = आयतन में विस्तार का गुणांक, V0 = प्रारंभिक आयतन

उष्मा की विशेषताएँ (Properties of Heat)

  • उष्मा की विशेषताएँ: ठोस, तरल, और गैसों की उष्मा ऊर्जा और उनके गुणधर्म।
  • उष्मा का आदान-प्रदान: उष्मा का आदान-प्रदान विभिन्न तापीय गुणों और पदार्थों के बीच ऊर्जा के संचरण के रूप में होता है।

तापीय समावेश (Thermal Conductivity)

  • तापीय समावेश: किसी पदार्थ की उष्मा का संचरण की क्षमता।
    • समीकरण: k = Qd/AΔTt
    • जहां k = तापीय चालकता, Q = उष्मा, d = मोटाई, A = क्षेत्रफल, ΔT = तापमान का अंतर, t = समय

उष्मागतिकी के नियम (Laws of Thermodynamics)

  • पहला नियम (First Law of Thermodynamics): ऊर्जा का संरक्षण सिद्धांत, उष्मा और कार्य के बीच ऊर्जा का आदान-प्रदान।
    • समीकरण: ΔU = Q − W
    • जहां ΔU = आंतरिक्षीय ऊर्जा में परिवर्तन, Q = उष्मा, W = कार्य
  • दूसरा नियम (Second Law of Thermodynamics): उष्मा का प्रवाह उच्च तापमान से निम्न तापमान की ओर होता है, और समवाय की दशाएँ बढ़ती हैं।
  • तीसरा नियम (Third Law of Thermodynamics): शून्य ताप पर एक आदर्श क्रिस्टल की आंतरिक्षीय ऊर्जा शून्य होती है।

महत्वपूर्ण परिभाषाएँ (Important Definitions)

  1. विशेष गर्मी (Specific Heat Capacity): द्रव्यमान की इकाई को तापमान में 1°C (या 1 K) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊर्जा।
  2. संवहन (Conduction): ठोस पदार्थों में गर्मी का संचरण।
  3. संवहन (Convection): तरल और गैसों में गर्मी का संचरण।
  4. विकिरण (Radiation): गर्मी का संचरण बिना मध्यस्थ के।
  5. लंबाई में विस्तार (Linear Expansion): ठोस पदार्थ की लंबाई में परिवर्तन।
  6. आयतन में विस्तार (Volumetric Expansion): ठोस और तरल पदार्थों के आयतन में परिवर्तन।
  7. तापीय समावेश (Thermal Conductivity): पदार्थ की उष्मा का संचरण की क्षमता।
  8. उष्मागतिकी के नियम (Laws of Thermodynamics): ऊर्जा के संरक्षण और उष्मा के प्रवाह के सिद्धांत।