चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण किसी तार के लूप में विद्युत धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय गुण को दर्शाता है।
सूत्र:
m = IA
जहां I धारा है और A लूप का क्षेत्रफल है।
SI इकाई:
एम्पियर-मीटर² (A⋅m²)।
विभिन्न आकृतियों की तारों में चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field in Different Geometries of Current-Carrying Wires)
सीधी चालित तार:
सूत्र:B = μₒI / 2πr
जहां r उस बिंदु से तार की दूरी है।
गोलाकार लूप:
केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र:B = μₒI / 2R
जहां R लूप की त्रिज्या है।
सोलनॉइड:
सूत्र:B = μₒnI
जहां n प्रति यूनिट लंबाई में टर्न्स की संख्या है।
अम्पीयर का परिपथीय नियम (Ampere’s Circuital Law)
परिभाषा:
यह नियम यह कहता है कि किसी बंद लूप के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र का समाकल μ0\mu_0μ0 से गुणा किए गए उस लूप के भीतर के कुल विद्युत धारा के बराबर होता है।
सूत्र:
∮B ⋅ dl = μₒIenc
जहां Ienc लूप के अंदर सम्मिलित धारा है।
उपयोग:
सोलनॉइड और टोरॉइड में चुम्बकीय क्षेत्र की गणना के लिए।
चुम्बकीय बलों के बीच परस्पर क्रिया (Interaction between Magnetic Fields)
समानांतर धाराओं के बीच बल:
समान दिशा में धारा: आकर्षण बल।
विपरीत दिशा में धारा: प्रतिकर्षण बल।
सूत्र:
F / L = μₒI₁I₂ / 2πd
जहां L तार की लंबाई है, d तारों के बीच की दूरी है, और I₁,I₂ धाराएँ हैं।
टॉरॉयड और सोलनॉइड (Toroid and Solenoid)
सोलनॉइड:
एक लंबी कुंडली जिसमें समांतर चालित तार होते हैं।
इसका चुम्बकीय क्षेत्र B = μₒ nI होता है।
टॉरॉयड:
एक गोलाकार कुंडली जिसमें तारों का एक चक्रीय लूप होता है।
इसका चुम्बकीय क्षेत्र B = μₒNI / 2πr होता है, जहां N टर्न्स की कुल संख्या है और r टॉरॉयड की त्रिज्या है।