जहाँ m ध्रुव की शक्ति और 2l ध्रुवों के बीच की दूरी है।
इसकी SI इकाई एम्पियर-मीटर² (A⋅m²) है।
स्थिर चुम्बकत्व (Permanent Magnetism)
स्थिर चुम्बक:
स्थिर चुम्बक वो पदार्थ होते हैं, जो अपने चुम्बकीय गुणों को समय के साथ बनाए रखते हैं।
विशेषताएँ:
स्थिर चुम्बक में चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण का एक निश्चित परिमाण और दिशा होती है।
वे बाहरी चुम्बकीय क्षेत्र के बिना भी चुम्बकीय होते हैं।
उपयोग:
कम्पास, लाउडस्पीकर, और स्थाई चुंबक मोटर में।
चुम्बकीय क्षेत्र की विशेषताएँ (Properties of Magnetic Field)
चुम्बकीय क्षेत्र की रेखाएँ (Magnetic Field Lines):
ये रेखाएँ उस दिशा को दर्शाती हैं जिसमें उत्तर ध्रुव गति करेगा यदि उसे स्वतंत्र रूप से घुमाया जाए।
ये रेखाएँ कभी एक दूसरे को काटती नहीं हैं।
वे चुंबक के अंदर दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर और चुंबक के बाहर उत्तर ध्रुव से दक्षिण ध्रुव की ओर होती हैं।
समन्वित चुम्बकीय क्षेत्र (Uniform Magnetic Field):
यदि किसी क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र की दिशा और परिमाण सभी बिंदुओं पर समान हो, तो उसे समन्वित चुंबकीय क्षेत्र कहते हैं।
पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र (Earth’s Magnetic Field)
पृथ्वी का चुम्बकीय द्विध्रुव (Earth as a Magnetic Dipole):
पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र ऐसा है जैसे उसके अंदर एक बड़ा चुंबक उत्तर और दक्षिण ध्रुव के साथ स्थित हो।
चुम्बकीय अवयव (Magnetic Elements of Earth):
चुम्बकीय उदग्रता (Magnetic Declination):
यह कोण होता है जो भौगोलिक उत्तर और चुम्बकीय उत्तर के बीच बनता है।
चुम्बकीय प्रक्षिप्तता (Magnetic Inclination or Dip):
यह कोण होता है जो पृथ्वी की सतह पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा और क्षैतिज के बीच बनता है।
क्षैतिज घटक (Horizontal Component of Earth’s Magnetic Field):
यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का वह घटक है जो क्षैतिज दिशा में होता है।
चुम्बकीय पदार्थों का वर्गीकरण (Classification of Magnetic Materials)
डायमॅग्नेटिक पदार्थ (Diamagnetic Materials):
विशेषताएँ:
इनमें चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है।
ये बाहरी चुम्बकीय क्षेत्र के विरुद्ध कार्य करते हैं।
उदाहरण: तांबा, सिलिकॉन, बिस्मथ।
पैरामॅग्नेटिक पदार्थ (Paramagnetic Materials):
विशेषताएँ:
इनमें चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण होता है, लेकिन यह बहुत छोटा होता है।
ये बाहरी चुम्बकीय क्षेत्र के साथ संरेखित होते हैं।
उदाहरण: एल्यूमिनियम, प्लैटिनम, टंगस्टन।
फेरोमॅग्नेटिक पदार्थ (Ferromagnetic Materials):
विशेषताएँ:
इनमें उच्च चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण होता है।
ये बाहरी चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में भी चुम्बकीय होते हैं।
उदाहरण: लोहे, निकेल, कोबाल्ट।
हिस्टेरिसिस (Hysteresis)
परिभाषा:
जब किसी फेरोमॅग्नेटिक पदार्थ को बाहरी चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो उसमें चुम्बकीयता आती है और जब उसे हटाया जाता है, तो पदार्थ में एक स्थायी चुम्बकीयता बचती है। इस गुणधर्म को हिस्टेरिसिस कहते हैं।
हिस्टेरिसिस चक्र (Hysteresis Loop):
यह एक ग्राफ होता है जो चुम्बकीय क्षेत्र की शक्ति (H) और चुम्बकीय प्रेरण (B) के बीच के संबंध को दर्शाता है।
विशेषताएँ:
चुम्बकीय पदार्थ में अवशिष्ट चुम्बकीयता और सहपादनता को दर्शाता है।
हिस्टेरिसिस चक्र के क्षेत्रफल से चुम्बकीय हानि का अनुमान लगाया जाता है।
स्थायी और अस्थायी चुम्बक (Permanent and Temporary Magnets)
स्थायी चुम्बक:
वे पदार्थ होते हैं जो लंबे समय तक अपनी चुम्बकीयता बनाए रखते हैं।
उपयोग: कंपास, विद्युत मोटर।
अस्थायी चुम्बक:
वे पदार्थ होते हैं जो केवल बाहरी चुम्बकीय क्षेत्र में होने पर ही चुम्बकीय होते हैं।
उपयोग: इलेक्ट्रोमैग्नेट्स।
चुम्बकीय क्षेत्र का भौतिक महत्व (Physical Significance of Magnetic Field)
चुम्बकीय क्षेत्र से संबंधित ऊर्जा:
चुम्बकीय क्षेत्र में ऊर्जा संग्रहीत होती है, जो चुंबकीय ध्रुवों और चालित धाराओं के बीच परस्पर क्रिया से संबंधित होती है।
चुम्बकीय बल के परिणाम:
चुंबकीय बल का उपयोग विभिन्न तकनीकी अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि मोटर, जनरेटर, MRI मशीन, और भौतिकी में प्रयोग।
अवशिष्ट चुम्बकीयता और सहपादनता (Retentivity and Coercivity)
अवशिष्ट चुम्बकीयता (Retentivity):
यह वह गुणधर्म है जो चुम्बकीय क्षेत्र के हटा देने पर भी किसी चुम्बकीय पदार्थ में बची हुई चुम्बकीयता को दर्शाता है।
सहपादनता (Coercivity):
यह वह गुणधर्म है जो किसी चुम्बकीय पदार्थ में बची हुई चुम्बकीयता को शून्य करने के लिए आवश्यक विपरीत चुम्बकीय क्षेत्र को दर्शाता है।
प्रयोग:
उच्च अवशिष्ट चुम्बकीयता और सहपादनता वाले पदार्थों का उपयोग स्थायी चुम्बक बनाने में किया जाता है।