विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का परिचय (Introduction to Electromagnetic Induction)

  • परिभाषा:
    • विद्युत चुम्बकीय प्रेरण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी चालक में चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन के कारण विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
  • महत्व:
    • यह सिद्धांत विद्युत जनरेटर, ट्रांसफार्मर, और कई विद्युत उपकरणों के कार्य करने के आधार को समझने में सहायक है।

फैराडे का विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का नियम (Faraday’s Laws of Electromagnetic Induction)

  • पहला नियम:
    • जब भी किसी बंद चालक परिपथ के अंदर चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है, तब उस परिपथ में प्रेरित विद्युतवाहक बल (EMF) उत्पन्न होता है।
  • दूसरा नियम:
    • उत्पन्न EMF चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है।
    • सूत्र: EMF = −dΦB / dt
      • जहाँ ΦB चुंबकीय फ्लक्स है।
  • महत्वपूर्ण बिंदु:
    • Φ B = B ⋅ A जहां B चुंबकीय क्षेत्र और A क्षेत्रफल वेक्टर है।
    • नकारात्मक चिन्ह लैंज का नियम (Lenz’s Law) को दर्शाता है।

लैंज का नियम (Lenz’s Law)

  • परिभाषा:
    • लैंज का नियम यह कहता है कि प्रेरित EMF का दिशा हमेशा उस कारण के विरुद्ध होती है जिससे यह उत्पन्न हुई है।
  • सूत्र: EMF = −dΦB / dt
  • उदाहरण:
    • यदि एक चुंबक को कुंडली की ओर लाया जाता है, तो उसमें उत्पन्न धारा उस चुंबक को प्रतिकर्षण करने का प्रयास करेगी।

प्रेरित विद्युतवाहक बल (Induced Electromotive Force)

  • परिभाषा:
    • प्रेरित विद्युतवाहक बल वह EMF है जो किसी चालक में चुम्बकीय फ्लक्स के परिवर्तन के कारण उत्पन्न होता है।
  • प्रकार:
    • स्थैतिक प्रेरण (Static Induction):
      • यह तब उत्पन्न होता है जब चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन स्थिर रहता है।
    • गतिशील प्रेरण (Dynamic Induction):
      • यह तब उत्पन्न होता है जब चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन गतिशील होता है।
  • सूत्र: EMF = −dΦB / dt

स्व-प्रेरण (Self-Induction)

  • परिभाषा:
    • स्व-प्रेरण वह घटना है जिसमें किसी चालित तार में बहने वाली धारा के परिवर्तन के कारण उसी तार में EMF उत्पन्न होती है।
  • स्व-प्रेरण गुणांक (Coefficient of Self-Induction):
    • परिभाषा: यह वह गुणांक है जो स्व-प्रेरण द्वारा उत्पन्न EMF और धारा के परिवर्तन की दर के बीच के संबंध को दर्शाता है।
    • सूत्र: EMF = −L dI / dt
      • जहां L स्व-प्रेरण का गुणांक है।
  • SI इकाई: हेनरी (Henry, H)।
  • महत्व: इसका उपयोग रिएक्टर और ट्रांसफार्मर के डिजाइन में किया जाता है।

पर-प्रेरण (Mutual Induction)

  • परिभाषा:
    • पर-प्रेरण वह घटना है जिसमें एक कुंडली में बहने वाली धारा के परिवर्तन के कारण दूसरी कुंडली में EMF उत्पन्न होती है।
  • पर-प्रेरण गुणांक (Coefficient of Mutual Induction):
    • सूत्र: EMF2 = −M dI₁ / dt
      • जहां M पर-प्रेरण का गुणांक है और dI₁ / dt पहली कुंडली में धारा का परिवर्तन है।
  • SI इकाई: हेनरी (Henry, H)।
  • उपयोग: इसका उपयोग ट्रांसफार्मर, टेलीफोन और रेडियो में होता है।

एसी जनरेटर (AC Generator)

  • कार्य सिद्धांत:
    • एसी जनरेटर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • संरचना:
    • इसमें एक चालक लूप होता है जो एक चुंबकीय क्षेत्र के अंदर घूमता है।
  • EMF का सूत्र:
    • EMF = N ABω sin⁡ ωt
      • जहां N लूप की टर्न्स की संख्या, A क्षेत्रफल, B चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता और ω कोणीय वेग है।
  • उत्पादन:
    • एसी जनरेटर में उत्पन्न विद्युत धारा का आवृत्ति f = ω / 2π होती है।

फ्राउडे का नियम (Fleming’s Right Hand Rule)

  • परिभाषा:
    • यह नियम प्रेरित EMF की दिशा को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • नियम:
    • अपने दाहिने हाथ की तर्जनी को चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में रखें, मध्यमा को चालक के वेग की दिशा में रखें, तब आपका अंगूठा प्रेरित EMF की दिशा को दिखाएगा।

भंवर धारा (Eddy Currents)

  • परिभाषा:
    • भंवर धारा वह धारा होती है जो किसी ठोस धातु में उत्पन्न होती है जब उसे एक परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है।
  • प्रभाव:
    • यह धातु में ऊष्मा उत्पन्न करती है, जिससे ऊर्जा हानि होती है।
  • उपयोग:
    • भंवर धारा का उपयोग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ब्रेक, इंडक्शन फर्नेस, और धातु डिटेक्टरों में किया जाता है।
  • नुकसान:
    • भंवर धारा ऊर्जा की हानि करती है, जिसे कोर में पतले लैंमिनेट्स द्वारा कम किया जाता है।

प्रेरण के अनुप्रयोग (Applications of Induction)

  • ट्रांसफार्मर:
    • विद्युत शक्ति को एक वोल्टेज स्तर से दूसरे वोल्टेज स्तर पर परिवर्तित करने के लिए पर-प्रेरण का उपयोग करता है।
  • इलेक्ट्रिक मोटर:
    • विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए प्रेरण का उपयोग करता है।
  • इंडक्शन हीटर:
    • धातु को गर्म करने के लिए भंवर धाराओं का उपयोग करता है।